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बॉडी वारंट भी तामील नहीं करता थाना

समाहरणालय में एक माह से अटका महिला हेल्प लाइन मजबूत करने की पहल केसों के निबटारे में नोटिस की तामील सबसे बड़ी अड़चन एक परियोजना प्रबंधक को तीन-तीन जिलों का प्रभार हेल्पलाइन में सबसे अधिक आ रहे घरेलू हिंसा के मामले भागलपुर : कोर्ट-कचहरी के बजाय महिला हेल्पलाइन के माध्यम से घरेलू झगड़ों को निबटाने […]

समाहरणालय में एक माह से अटका महिला हेल्प लाइन मजबूत करने की पहल

केसों के निबटारे में नोटिस की तामील सबसे बड़ी अड़चन
एक परियोजना प्रबंधक को तीन-तीन जिलों का प्रभार
हेल्पलाइन में सबसे अधिक आ रहे घरेलू हिंसा के मामले
भागलपुर : कोर्ट-कचहरी के बजाय महिला हेल्पलाइन के माध्यम से घरेलू झगड़ों को निबटाने की सोच रहे हैं तो वहां भी आपको परेशानी आ सकती है. महिला हेल्पलाइन में दर्ज केसों की सुनवाई के दौरान जारी बॉडी वारंट को थाना स्तर पर गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. इस कारण सास-बहू के झगड़े निबटाने में हेल्पलाइन के कर्मी को काफी मशक्कत करनी होती है.
कोई भी व्यक्ति थाना और कोर्ट के बुलावा को नजरअंदाज करने की हिम्मत नहीं करता है. मगर महिला हेल्पलाइन के साथ ऐसा हो रहा है. कानूनी तौर पर थाना और कोर्ट की तरह महिला हेल्पलाइन के पास ताकत नहीं है. हेल्पलाइन में केसों के निबटारे में देरी हो रही है और यह सनहा से ज्यादा कुछ और नहीं कर पा रहा है. जो केस के निबटारे हो भी रहे हैं, वह हेल्पलाइन कर्मियों की तत्परता से संभव है.
हेल्पलाइन को दुरुस्त करने की फाइल पर काम नहीं. महिला हेल्पलाइन को दुरुस्त करने की फाइल पर काम नहीं हो रहा है. पिछले एक माह से हेल्पलाइन में कर्मियों की बहाली के साथ तमाम दिशा-निर्देशों पर कोई कदम नहीं उठाया गया. बता दें कि नागरिक विकास समिति के बदले हेल्पलाइन की देखरेख महिला व बाल विकास विभाग करेगी.
एसएसपी कार्यालय में खुले महिला हेल्पलाइन में कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए जिला में परियोजना प्रबंधक, परामर्शी व अधिवक्ता पैनल का मनोनयन होना है. अभी हेल्पलाइन में तीन अधिवक्ता ही केसों के निबटारे का काम कर रहे हैं. जिला महिला हेल्पलाइन के डीपीएम का पद प्रभार में चल रहा है. उनके पास मुंगेर व जमुई की भी जिम्मेवारी है.
विभिन्न केसों की स्थिति
मामले लंबित निबटारा
दहेज प्रताड़ना 171 4
घरेलू हिंसा 522 10
द्वितीय विवाह 39 —
यौन शोषण 14 1
अन्य वाद 293 —
नोट: अगस्त तक की रिपोर्ट
बंद हुए अल्प आवास को दोबारा खोलने की कोशिश
महिला हेल्पलाइन के अंतर्गत अल्पावास खोलने की दोबारा पहल हो रही है. करीब तीन वर्ष पहले अल्पावास को किसी कारण से बंद कर दिया गया था. अल्पावास के लिए कुल 12 आवेदक आये थे, इसमें छह का चयन किया गया और पांच की छंटनी कर दी गयी. उन्हें दोबारा दावा व आपत्ति दर्ज करने के लिए कहा गया है. उनकी आपत्ति 20 अक्तूबर तक ली जायेगी.

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