चुनाव नजदीक आते ही पार्षदों की बढ़ी बेचैनी
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चुनाव नजदीक आते ही पार्षदों की बढ़ी बेचैनी नगर निगम. कई तो कोर्ट की शरण में जाने को तैयार आरक्षण के मुद्दे पर निगम कार्यालय में मेयर व पार्षदों में मंत्रण भागलपुर : मई में संभावित नगर निगम चुनाव को लेकर अभी से ही पार्षदों की बैचैनी बढ़ने लगी है. कुछ पार्षद इस बात को […]
नगर निगम. कई तो कोर्ट की शरण में जाने को तैयार
आरक्षण के मुद्दे पर निगम कार्यालय में मेयर व पार्षदों में मंत्रण
भागलपुर : मई में संभावित नगर निगम चुनाव को लेकर अभी से ही पार्षदों की बैचैनी बढ़ने लगी है. कुछ पार्षद इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि अगर उनका वार्ड महिला आरक्षित भी हुआ तो अपने घर से ही किसी महिला को उम्मीदवार बना देंगे. कुछ तो अभी से वार्ड के आरक्षण होने के अफवाह पर दूसरा वार्ड में जो उनके लिए मुफीद है, उसमें संपर्क साधने लगे हैं. अभी वार्ड को लेकर सरकार से कोई सूचना आयी भी नहीं है, लेकिन शहर में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है. अभी से कुछ पार्षद कागजात तैयार करने में लग गये हैं, वार्ड आरक्षित होने की स्थिति में कुछ पार्षद कोर्ट की शरण में जाने को तैयार हैं. सभी पार्षद अपने वार्ड की जनसंख्या जातिगत आधार पर तैयार भी करने लगे हैं. अभी इन पार्षदों के समक्ष एक ही प्रश्न खड़ा हो गया है कि अपनी सीट को कैसे बचाये.
कुछ पार्षद तो पटना तक चक्कर भी मार चुके हैं.
सात निश्चय की योजना की फिक्र नहीं, बस बच जाये सीट. अभी सभी वार्ड में जहां पक्की सड़क और नाला नहीं है. इसके लिए सरकार की ओर से निगम क्षेत्र के करोड़ों की राशि आने वाली है. मुख्यमंत्री के सात निश्चय में से एक यह भी निश्चय है. कुछ माह पहले पार्षदों ने सात निश्चय योजना के तहत अपने वार्ड के कच्चे नाला और सड़कों की सूची तैयार कर निगम को सौंपी थी. लेकिन इसी महीने से इन पार्षदों में चुनाव को लेकर खासकर अपने वार्ड को सामान्य और आरक्षित से बचाने पर ध्यान चला गया है. पहले हर सुबह पार्षद अपने वार्ड की सफाई और विकास योजना पर चर्चा करते थे, लेकिन अब वे सुबह-शाम चुनावी गणित बनाने में लग गये हैं. अब इन्हें सड़क-नाला की योजना पर ध्यान नहीं है. उनका सारा ध्यान अब इस बात पर है कि अपनी सीट को किस तरह बरकरार रखा जाये.
निगम कार्यालय में हुई बैठक. इसी चर्चा को लेकर गुरुवार को निगम कार्यालय में मेयर दीपक भुवानियां सहित एक दर्जन पार्षदों ने आपस में इस बात को लेकर काफी देर तक मंत्रणा की. कार्यालय में बैठे कई पार्षद ऐसे थे कि उन्हें फैले अफवाह से मालूम हुआ कि आपका वार्ड महिला आरक्षित, पुरुष सामान्य हो गया है. कई पार्षद तो मेयर से कहा कि आप ही पटना से पता कीजिए कि क्या हो रहा है. इसी दौरान यह भी चर्चा हुआ कि मेयर का वार्ड सामान्य पुरुष वार्ड ही रह गया. यह भी चर्चा हुआ कि इस बार मेयर का पद महिला आरक्षित होने वाला है.
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