कला केंद्र परिसर में चल रहे भागलपुर महोत्सव के दूसरे दिन नृत्य, संगीत व नाट्य प्रस्तुतियाें की धूम रही. शुक्रवार को इस परिसर में देश के विभिन्न प्रांताें से आये कलाकारों की प्रस्तुतियों में जिंदगी का हर रंग नुमाया हुआ. प्रस्तुतियों में अपनों का दर्द था, तो अपनों की उपेक्षा भी. उल्लास, आनंद का रस बहा तो सुख के पलों में भी आंखें नम हुई. प्रस्तुतियों के दौरान सन्नाटा और समाप्ति पर देर तक बजी तालियां यह बयां कर रही थी कि प्रस्तुति शानदार, जानदार व बेहतरीन रही.
भागलपुर : महोत्सव के दूसरे दिन देश के विभिन्न प्रांतों से आये कलाकारों ने शहर के विभिन्न चौराहे पर नाटक की सफल प्रस्तुति दी. एवांग नादिक कोलकाता के कलाकारों ने तिलकामांझी चौक पर भारतीय सेना को समर्पित नाटक ‘रंगलाल का खेल’ की प्रस्तुति दी. पथ जमशेदपुर के कलाकारों ने आदमपुर चौक पर स्वच्छता पर आधारित नाटक ‘हम नहीं मानेंगे’ से लोगों से घर की तरह सार्वजनिक स्थलों को भी साफ-सुथरा रखने की अपील की. अख्यान नाट्य शाला इंदौर के कलाकारों ने ललमटिया चौक व नरगा चौक पर महिला सशक्तीकरण पर आधारित नाटक ‘परिवर्तन’ की बेहतरीन प्रस्तुति दी. नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति के दौरान संजीव कुमार दीपू व जयंत जलद ने निर्णायक की भूमिका निभायी.
नृत्य-संगीत की प्रस्तुतियाें से मचा धमाल : कला परिसर में सुबह से देर शाम तक नृत्य-संगीत की प्रस्तुतियों का दौर चला. विभिन्न प्रांतों से आये कलाकारों ने शास्त्रीय, सेमी क्लासिक व लोक नृत्य तथा बेहतरीन गीतों की प्रस्तुति देकर धमाल मचा दिया. कार्यक्रम का उद्घाटन संस्कृतिकर्मी डॉ योगेंद्र, प्रसून लतांत ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. सुल्तानगंज की टीम ने गणेश वंदना की, तो ज्योति ने ‘रंगीला-रंगीला देश मेरा’ गीत गा कर माहौल को झूमा दिया.
शांभवी कुमारी ने सेमी क्लासिकल डांस व अंगिका लोक नृत्य रामजी ने प्रस्तुत किया. गुरु अंबुधाल डांस एंड म्यूजिकल सेंटर इंफाल की टीम ने लोक नृत्य, द पोल स्टार थिएटर मणिपुर ने वोभिंग नृत्य, नृत्यांजलि पटना ने मधुरम-मधुरम व ड्रीम लैंड डांस क्लासेज की भाव्या, प्राची, श्रेया व आर्या ने राजस्थानी गीत ‘मोरनी बागा में’ पर नृत्य व श्रेयांशी पांडेय ने ‘काहे छोड़ मोहे गरबा लगाये’ पर सेमी क्लासिकल डांस प्रस्तुत कर शमां बांध दिया.
कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका थांकसांम, तमपासना देवी व अलका सिंह(आगरा) ने निभायी. मौके पर कपिल देव रंग, दीपक कुमार, राहुल तिवारी, सुनील कुमार, अरविंद आनंद, सुमन कुमार, विनोद रंजन, संजीव कुमार दीपू, जयंत जलद, जगत राम साह कर्णपुरी, निर्मल कुमार, गौतम बनर्जी आदि मौजूद रहे.
तिलकामांझी चौक के पास एसएमएस स्कूल के पास बंगाल की टीम ने किया नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत व मणिपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया नृत्य.
मन को झकझोर गयी शिल्पी जीवन गाथा
हमारा समाज नारी को शक्ति स्वरूपा मान कर उसे दुर्गा, लक्ष्मी व काली आदि के स्वरूप को पूजता है. ऐसे में बेटियां गर्भ में मार दी जा रही है. समाज में नारियों-बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाया जा रहा है. ऐसी ही विषय-वस्तु पर आधारित नाटक ‘शिल्पी जीवन गाथा’ की प्रस्तुति कला केंद्र के मंच पर रविवार की रात में हुई. बेहतरीन कथा व अद्भुत कथ्य शिल्प के बूते रची इस नाटक में दिखाया गया कि कैसे विधवा अपराजिता अपनी दो ननद व सास की देखभाल कर रही है.
बदलते परिस्थितियों में यह अपने अपराजिता से दूर होने लगते हैं, लेकिन समाज के सांस्कृतिक व्यक्तियों के हस्तक्षेप से अंत तक अपराजिता के जीवन का दुखांत पक्ष सुखांत में बदल जाता है. कालिका नाट्य कला सांस्कृतिक मंच राघोपुर की ओर से नाटक हम सब एक है की बेहतरीन प्रस्तुति दी. इसके जरिये बताया जाता है कि देश में कैसे विभिन्न धर्म लोगों को आपस में जोड़ने के बजाय अंतर्विरोध उत्पन्न कर रहे हैं. तमाम बाधाओं के बीच कैसे एक क्रांतिकारी लोगों को एकजुट होने की अपील करता है.
नाटक के लेखक सह निर्देशक मास्टर राज थे तो इसमें मदन कुमार, अनिल, मनोज, प्रवीण आदि ने बेहतरीन अभिनय किया. महिला संगीत एसोसिएशन के कलाकारों ने मणिपुरी भाषा में ‘प्रवास मिलन’ की बेहतरीन प्रस्तुति दी. नाटक के निर्देशक शरतचंद्र सिंह व लेखक धिरापाती देवी थी. इसमें संध्या रानी, सावित्री, जीबनमाला, ललिता आदि ने बेहतरीन अभिनय किया. आरा मंच के कलाकारों ने भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रसिद्ध कहानी ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ पर आधारित नाटक की प्रस्तुति दी.
इसका निर्देशन शशि सागर बब्बू ने किया, तो शैलेंद्र सच्चू, रतन देवा, साजन वीर गुप्ता, कुमार अमरेंद्र, प्रिया, पूजा मितु राज समेत एक दर्जन कलाकारों ने अभिनय किया. अंत में एबांग नादिक कोलकाता की टीम ने हनुका का बेटा नामक नाटक की प्रस्तुति दी. नाटक के लेखक ज्योति प्रकाश चट्टोपाध्याय रहे. नाटक की प्रस्तुति के दौरान निर्णायक की भूमिका प्रसन्ना दास, पोखिली, मो निजाम व केबी शर्मा ने निभायी.