मणिपुर हाइकोर्ट के बने चीफ जस्टिस
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मणिपुर हाइकोर्ट के बने चीफ जस्टिस वर्ष 1991-92 में न्यायिक सेवा में ज्वाइनिंग पूर्णिया कोर्ट में एडीजे के तौर पर शुरू की सेवा झारखंड में हाइकोर्ट रजिस्ट्रार के तौर पर किया काम भागलपुर : भागलपुर के लोगों के लिए 21 सितंबर इतिहास में शुमार हो गया, जब यहां के निवासी ने मणिपुर हाइकोर्ट के मुख्य […]
वर्ष 1991-92 में न्यायिक सेवा में ज्वाइनिंग
पूर्णिया कोर्ट में एडीजे के तौर पर शुरू की सेवा
झारखंड में हाइकोर्ट रजिस्ट्रार के तौर पर किया काम
भागलपुर : भागलपुर के लोगों के लिए 21 सितंबर इतिहास में शुमार हो गया, जब यहां के निवासी ने मणिपुर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली. वरीय अधिवक्ता हरिहर प्रसाद के छोटे बेटे राकेश रंजन प्रसाद ने मुख्य न्यायाधीश बनकर जिले को गौरवान्वित कर दिया. किसी राज्य के न्यायिक पद के सर्वोच्च पद पर पहुंचने पर न सिर्फ उनके परिजन, बल्कि पूरे शहर के लोगों ने खुशी का इजहार किया. उनके सम्मानित पद पर शपथ लेते ही उनके यहां बधाई देनेवालों का तांता लग गया. न्यायाधीश के पिता तथा व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता हरिहर प्रसाद ने पुत्र की काबिलियत की सराहना की.
उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद तक कम ही लोग पहुंच पाते हैं और वह मेरे पुत्र ने कर दिखाया. बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे माननीय का स्वभाव भी काफी सरल है. उन्होंने मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने के बाद पहले भाषण में कहा कि पैसे की कमी से न्याय नहीं पानेवाले को वह न्याय उपलब्ध करायेंगे. वह कोर्ट में लंबित मुकदमों की संख्या को सीमित करने का प्रयास करेंगे.
भीखनपुर के गुमटी नंबर-3 के रहने वाले वरीय अधिवक्ता हरिहर प्रसाद के छोटे सुपुत्र राकेश रंजन प्रसाद ने वर्ष 1980 से कानूनी उपाधि लेकर पटना हाइकोर्ट से प्रैक्टिस शुरू किया. वर्ष 1990 में न्यायिक सेवा में आने के बाद पूर्णिया में बतौर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बने. उन्होंने झारखंड हाइकोर्ट में रजिस्ट्रार के तौर पर भी काम किया. वर्ष 2016 में मणिपुर हाइकोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर आये और 21 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली.
यह है माननीय का प्रोफाइल
जन्म तिथि : 1 जुलाई 1955.
पिता : वरीय अधिवक्ता हरिहर प्रसाद.
माता : स्वर्गीय इंदु देवी.
बड़ा भाई : अजय कुमार, एलआइसी में विकास अधिकारी के तौर पर कार्यरत.
पढाई व न्यायिक सेवा
जिला स्कूल से 10 वीं तक की पढ़ाई.
12 वीं व ग्रेजुएशन की पढ़ाई दरभंगा के सीएम साइंस कॉलेज.
एलएलबी की डिग्री पटना यूनिवर्सिटी से.
17 सितंबर 1980 में बिहार बार एसोसिएशन से संबंधित.
पटना हाइकोर्ट से सिविल, क्रिमिनल व रिट याचिका के रूप में प्रैक्टिस.
छह मई 1991 को पूर्णिया में एडीजे के तौर पर ज्वाइनिंग.
वर्ष 2001 में सत्र न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नति.
झारखंड कैडर अलग होने के बाद वर्ष 2001 में सत्र न्यायाधीश, पाकुड़ में ज्वाइनिंग.
नौ जून 2001 में झारखंड हाइकोर्ट रजिस्ट्रार के रूप में मनोनयन.
नौ फरवरी 2006 को झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में मनोनयन.
27 फरवरी 2006 को झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश की शपथ.
एक फरवरी 2016 में मणिपुर हाइकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में मनोनयन.
15 फरवरी 2016 को मणिपुर हाइकोर्ट के न्यायाधीश की शपथ.
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