भागलपुर : आजादी के इतने वर्षों बाद भी रत्तीपुर बैरिया पंचायत लोगों को सड़क बिजली व पुल पुलिया का सुख नसीब नहीं है. यहां चलने के लिए सड़क नाम की कोई चीज नहीं है. बैरिया, अजमेरीपुर, रसीदपुर आदि गांवों में पहुंच पाना आसान नहीं है. यहां आने के लिए नरगा चौक से नीचे उतरने पर […]
भागलपुर : आजादी के इतने वर्षों बाद भी रत्तीपुर बैरिया पंचायत लोगों को सड़क बिजली व पुल पुलिया का सुख नसीब नहीं है. यहां चलने के लिए सड़क नाम की कोई चीज नहीं है. बैरिया, अजमेरीपुर, रसीदपुर आदि गांवों में पहुंच पाना आसान नहीं है. यहां आने के लिए नरगा चौक से नीचे उतरने पर लालूचक के पास सबसे पहले भारी कीचड़ की सामना करना पड़ेगा,
उसके बाद मिट्टी के गड्ढेनुमा पगडंगी पर चल कर जामुनियां नदी पर 2005 की मुख्यमंत्री सेतु योजना से बनी पांच करोड़ी अर्द्धनिर्मित पुल का दर्शन होगा. इस पुल पर बना बांस का एप्रोच पथ की चचरी इन दिनों बाढ़ की कहर से टूट गया है. इसी टूटी फूटी जर्जर बांस की चचरी होकर लोग बांस पकड़…पकड़ कर चढ़ उतर रहे हैं. यहां से आगे बढ़ने पर गांव तक पहुंचने के लिए पगडंडी होकर गुजरना होगा. इसके बाद आपको प्रधानमंत्री सड़क की टूटी फूटी अवशेष के रूप में सड़क पर बिछी सिर्फ पत्थर ही पत्थर पर चल कर गांव में कदम रखना पड़ेगा.
बाढ़ ग्रस्त रत्तीपुर बैरिया पंचायत के श्रीरामपुर घाट व जामुनियानदी के अर्द्धनिर्मित पुल के पास बना पुल बांस का चचरी पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. जामुनियां नदी पर बने पुल होकर बैरिया, अजमेरीपुर, रसीदपुर, दिलदारपुर , मोहनपुर आदि गांवों के हजारों लोग आना जाना करते हैं. एप्रोच पथ के अभाव में इन दिनों लोग बांस की टूटी जर्जर चचरी पुल पर जान जोखिम में डाल कर आना जाना कर रहे हैं. बाढ़ का पानी उतरने के बाद एक बार फिर इस पुल होकर लोगों का आवाजाही काफी बढ़ गया है. चचरी पुल दुरुस्त नहीं होने के कारण हजारों लोगों को काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है. वहीं श्रीरामपुर घाट के पास बना बांस का चचरी पुल भी धराशाही हो गया है. लोग इसी टूटे बांस को पकड़ नदी पार कर रहे हैं.
हाल : नाथनगर प्रखंड के रत्तीपुर बैरिया पंचायत के गांवों का