भागलपुर : फ्रेंचाइजी कंपनी छोटे बकायेदारों से पूरी वसूली का खेल शुरू कर दी है. कंपनी ने किस्तों में बकाया बिल का भुगतान लेना बंद कर दिया है. उन्हें बकाया का एकमुश्त भुगतान चाहिए. इससे आर्थिक रूप से कमजोर छोटे उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गयी है. इस सिस्टम ने छोटे उपभोक्ताओं को महाजन से कर्ज लेने के लिए मजबूर कर दिया है.
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फ्रेंचाइजी कंपनी मांग रही बकाया बिल का एकमुश्त भुगतान
भागलपुर : फ्रेंचाइजी कंपनी छोटे बकायेदारों से पूरी वसूली का खेल शुरू कर दी है. कंपनी ने किस्तों में बकाया बिल का भुगतान लेना बंद कर दिया है. उन्हें बकाया का एकमुश्त भुगतान चाहिए. इससे आर्थिक रूप से कमजोर छोटे उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गयी है. इस सिस्टम ने छोटे उपभोक्ताओं को महाजन से कर्ज […]
चंपानगर के एक उपभोक्ता पर बिजली बिल का बकाया लगभग 25,000 रुपये है. पिछले तीन दिनों से वह इस उम्मीद से खरमनचक स्थित कार्यालय का चक्कर लगा रहा है, ताकि बकाया राशि का भुगतान किस्तों में हो सके, लेकिन उन्हें हर बार यह कह कर लौटा दिया जाता है कि पूरा पैसा लेकर आओं, तो भुगतान होगा. उन्हें चेतावनी दी गयी है कि सप्ताह भर में बकाया पूरी राशि का भुगतान नहीं हुआ, तो कनेक्शन काट दिया जायेगा. इससे वह अब चिंतित रहने लगे हैं.
वह बकाया बिल का भुगतान के लिए महाजन ढूंढ़ने लगे हैं. यह तो एक उदाहरण है. किस्तवार बकाया भुगतान सिस्टम बंद होने से रोजाना फ्रेंचाइजी कंपनी के दफ्तर से लगभग 50 की संख्या में छोटे उपभोक्ता लौट रहे हैं. इस सिस्टम से छोटे उपभोक्ता आहत है.
किश्तों में भुगतान लेने से इनकार कर रही फ्रेंचाइजी कंपनी
छोटे उपभोक्ताओं को लेना पड़ रहा कर्ज
उपभोक्ता परेशान
कोई गाय बेचने की तैयारी में, तो कोई आभूषण गिरवी रखने को विवश : किस्तों में बकाया बिल का भुगतान सिस्टम बंद होने से कोई अब गाय बेचने की तैयारी में है, तो कोई आभूषण गिरवी रखने को विवश हो रहे हैं. दक्षिणी शहर की मंजूला देवी ने बतायी कि उस पर बिल का बकाया लगभग 10 हजार रुपये है. फ्रेंचाइजी कंपनी दो बार में पैसा लेने को तैयार नहीं है. इससे अब उन्हें गाय बेचनी पड़ेगी. मनोज कुमार ने बताया कि आरजू मिन्नत के बाद भी कंपनी के कर्मचारी बकाया बिल को किस्त में लेने के लिए तैयार नहीं हुए. उन्होंने बताया कि बकाया बिल चुकाने के लिए पैसा नहीं है. बिजली कनेक्शन बचाने के लिए उन्हें आभूषण गिरवी रखना होगा.
एड्रेस प्रूफ के लिए काम नहीं आयेगा बिल
सालों से निर्गत बिजली बिल विपत्र के बदले अब फ्रेंचाइजी कंपनी ने कागज के टुकड़े में बिल निकालने लगी है. इससे उपभोक्ताओं को कई तरह की दिक्कतें आने लगी है. सबसे बड़ी दिक्कत एड्रेस प्रूफ को लेकर है. गैस का कनेक्शन लेना हो या फिर बैंक में खाता खुलवाना हो, इसके लिए अब एड्रेस प्रूफ के लिए बिजली बिल काम नहीं आयेगा. कागज के टुकड़ों में निकलने वाला बिल सबूत के लिए काफी नहीं है. मॉल में जिस तरह से बिल जारी होता है, उसी तरह फ्रेंचाइजी कंपनी बिल निकालने लगी है. कागज के टुकड़े में जारी बिल का कमजोर प्रिंट ज्यादा दिनों तक नहीं ठहरता है.
उपभोक्ताओं को इसे साक्ष्य के रूप रखना भी नामुमकिन हो गया है.
बकायेदार एक किश्त का भुगतान कर दोबारा नहीं आते हैं. इससे किश्तों में भुगतान लेने की प्रक्रिया कठिन कर दी गयी है. 25 हजार से नीचे के बकायेदारों से किश्त में भुगतान नहीं लिया जाता है. इससे ऊपर के बकायेदारों से 85 प्रतिशत भुगतान लिया जाता है. फिर भी इस पर विचार किया जायेगा, ताकि छोटे उपभोक्ताआें को राहत मिल सके.
विनोद असवाल, महाप्रबंधक
बीइडीसीपीएल (फ्रेंचाइजी कंपनी)
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