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पुलिस पूछताछ में ननकेसर ने किये कई खुलासे

विनोद के चचेरे भाई के घर पर रुके थे सभी अपराधी रसलपुर गांव में रक्षाबंधन के दिन से जम गये थे कुल नौ बाहरी अपराधी ननकेसर ने कहा : विनोद यादव ने चलायी थी पांच गोली, उन्हीं की गोली से घायल हुआ था राहुल नवगछिया : सधुवा निवासी शातिर ननकेसर मंडल ने अपने बयान में […]

विनोद के चचेरे भाई के घर पर रुके थे सभी अपराधी

रसलपुर गांव में रक्षाबंधन के दिन से जम गये थे कुल नौ बाहरी अपराधी
ननकेसर ने कहा : विनोद यादव ने चलायी थी पांच गोली, उन्हीं की गोली से घायल हुआ था राहुल
नवगछिया : सधुवा निवासी शातिर ननकेसर मंडल ने अपने बयान में पुलिस के समक्ष अपराध को स्वीकार करते हुए हत्याकांड की पूरी कहानी पुलिस के समक्ष उगल दिया है. ननकेसर ने कई चौकाई तथ्य पुलिस के सामने रखे हैं. ननकेसर ने कहा है कि विनोद यादव की हत्या 19 अगस्त को ही हो जाती. लेकिन 19 को वे घर से बाहर नहीं निकले और हत्या के वारदात को अंजाम देने के लिए अपराधियों को एक दिन का इंतजार करना पड़ा.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ननकेसर ने कहा है कि रक्षाबंधन होने के कारण नौ की संख्या में अपराधी ने पहले ही विनोद यादव के चचेरे भाई के घर पर डेरा जमा लिया था. छह अपराधियों में छोटुवा भी था. उसी ने सभी अपराधियों की जुटानी की थी. 19 को ही राजद नेता की हत्या की पूरी प्लानिंग थी,
लेकिन वे घर से नहीं निकले. इसके बाद सभी अपराधी वहीं पर एक दिन के लिए शिप्ट हो गये. रक्षाबंधन होने के कारण गांव के कई घरों में मेहमान लोग राखी बंधवाने आये थे. इस कारण किसी को शक नहीं हुआ कि राजद नेता के घर के ठीक बलग में ही उनके चचेरे भाई अजीत के यहां पर नौ अपराधी जुटे हुए हैं.
20 की सुबह अपराधियों ने छ: बजे तक खाया था अंडा भात
ननकेसर ने पूछ ताछ के दौरान बताया कि 19 अगस्त की प्लानिंग स्थगित होने के बाद 20 अगस्त को उन लोगों ने फिर से प्लान तैयार किया. सुबह तक सभी अपराधी तैयार हो गये. खाने के रुप में अंडा-कढ़ी और भात खा कर सभी सुबह छह बजे तक तैयार थे. ननकेसर का कहना है कि अजीत मुख्य सूत्रधार का काम कर रहा था. लगभग सात बजे सूचना मिली कि विनोद अपने घर से निकल चुके हैं. मोटरसाइकिल सवार अपराधियों की दो बाइक को पहले ही भेज दिया गया.
फिर एक बाइक से अपराधी गांव की ओर से विनोद यादव का पीछा करने लगे. ननकेसर का कहना है कि अजीत ने ही बाइक से धक्का मार कर विनोद यादव को गिराया था और छोटुवा ने राजद नेता पर पहली गोली चलायी थी. ननकेसर का कहना है कि चारो तरफ से घिर जाने के बाद विनोद यादव ने अपना काले रंग की पिस्तौल निकाली और सबों पर गोली चलाना शुरू कर दिया. उन्होंने करीब पांच चक्र गोली चलायी. एक चक्र गोली मिस फायर हो गयी.
पांच चक्र गोली में ही एक गोली लत्तरा के राहुल यादव के दायें हाथ में लग गयी. ननकेसर का कहना है कि इसी क्रम में वह मुझसे टकरा गया और उसका थ्रीनट जमीन पर गिर गया. पहली गोली छोटुवा ने मारी थी, फिर कमांडो राय ने गोली मारी, इसके बाद सबों ने मिल कर ताबड़ तोड़ फायरिंग कर विनोद यादव को मार गिराया.
फिर वे लोग अपने तीन बाइकों पर सवार हो कर नवगछिया पश्चिम रेलवे केबिन, एसपी कार्यालय व आवास होते हुए एनएच स्थित बस स्टैंड पर आये. वहां पर दो फायरिंग किया और कर्मियों को बताया कि विनोद यादव की हत्या हो गयी है, लाश जा कर देख सकते हो. फिर वे लोग पकरा गांव पशु हाट के पास भी दो फायरिंग की. ननकेसर के अनुसार उन लोगों ने तेतरी 14 नंबर सड़क के पास दो फायरिंग कर सभी अलग अलग दिशा में भाग गये.
भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था
ननकेसर ने पुलिस की पूछ ताछ में बताया है कि उसे इस घटना में छोटुवा ने शामिल किया था. छोटुवा जानता था कि वह विनोद यादव का विरोधी है, क्योंकि विनोद यादव और मोती यादव के लोगों द्वारा ही उसके भाई भोला मंडल की हत्या चापर में अपराधियों ने कर दी थी. इस कारण से उसने कहा कि काम करो बहुत लोग हैं, पैसा देना वाला. यह बात भी स्पष्ट हो गयी है कि छोटुवा ने ही रसलपुर गांव में सभी शूटरों को जुटाया और हत्या की पूरी प्लानिंग की. हत्या के पिछले कौन है और किसने छोटुवा को सुपारी दी, यह प्रमाणिक रुप से स्पष्ट नहीं हो पाया है. हालांकि प्राथमिकी में पकड़ा निवासी मानकेश्वर सिंह उर्फ मंटू सिंह, अरविंद यादव को आरोपित किया गया है. पुलिस भी मान रही है कि राजनीतिक कारणों से दोनों ने ही हत्या की पूरी पटकथा को तैयार किया होगा.

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