फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल ने बिल विपत्र निर्गत करना अचानक बंद कर दिया है, जिससे धोखाधड़ी होने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कंपनी ने बिल विपत्र निर्गत कर उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचाने के बजाय अब वह अपने कर्मचारियों को मशीन (हैंड मशीन) लेकर भेजना शुरू की है.
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फ्रेंचाइजी कंपनी. कागज के टुकड़े में दे रही बिजली बिल, उपभोक्ता आक्रोशित
फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल ने बिल विपत्र निर्गत करना अचानक बंद कर दिया है, जिससे धोखाधड़ी होने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कंपनी ने बिल विपत्र निर्गत कर उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचाने के बजाय अब वह अपने कर्मचारियों को मशीन (हैंड मशीन) लेकर भेजना शुरू की है. भागलपुर : फ्रेंचाइजी कंपनी के कर्मचारी मीटर […]
भागलपुर : फ्रेंचाइजी कंपनी के कर्मचारी मीटर रीडिंग कर ऑन स्पॉट मशीन से बिल जारी करता है. यह पहले के बिल विपत्र से काफी भिन्न है. कमजोर प्रिंट से लिखावट स्पष्ट नहीं है. इस बिल को ज्यादा दिनों तक साक्ष्य के रूप में नहीं रखा जा सकता है. मशीन से जारी विपत्र और कर्मचारियों के अनुसार बिल भुगतना करना उपभोक्ताओं को नागवार गुजरने लगा है. उपभोक्ताओं ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी है. जहां फ्रेंचाइजी कंपनी नयी तकनीक का हवाला दे रही है, वहीं उपभोक्ता हेराफेरी करने का आराेप लगा रहे हैं. इससे फ्रेंचाइजी कंपनी और उपभोक्ताओं के बीच तनाव की स्थिति बन सकती है.
उपभोक्ताओं ने लगाया हेराफेरी का अारोप
लोहापट्टी के जगदीश बाजोरिया ने बताया कि कंपनी बिल विपत्र को बदल कर उपभोक्ताओं से पैसे ऐंठने का नया उपाय अख्तियार किया है. कंपनी इस बात से भली भांति अवगत है कि जो प्रिंट उपभोक्ताओं को विपत्र के रूप में वह दे रही है, वह कुछ दिनों के बाद साक्ष्य के लायक नहीं रहेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि पुराने बिल विपत्र की गड़बड़ी सही नहीं कर सके, तो उन्होंने इससे बचने व धोखाधड़ी करने का नया उपाय ढूंढा है. लहेरी टोला के उपभोक्ता चांद झुनझुनवाला ने आरोप लगाया कि फ्रेंचाइजी कंपनी पहले गलत बिल जारी कर बेइमानी करती थी, साक्ष्य दिखाने पर वे पकड़ा जाते थे. अब ऐसा उपाय कर दी है कि बेमाइनी पकड़ी नहीं जायेगी.
साक्ष्य के रूप में बिल विपत्र को रखना नामुमकिन
पुराने बिल विपत्र की जगह मशीन से जारी बिजली बिल के कागज को साक्ष्य के रूप में नहीं रखा जा सकता है. कमजोर प्रिंट की वजह से लिखावट ज्यादा दिनों तक नहीं रह सकती है. बिल विपत्र की क्वालिटी ही बताता है कि यह लंबे समय तक टिकाऊ नहीं होगा. उपभोक्ता गड़बड़ी की अगर शिकायत लेकर भी कंपनी के पास जायेंगे, तो वह इसे प्रमाणित नहीं कर सकेंगे. उपभोक्ताओं के हाथ में केवल कागज का टुकड़ा बचेगा.
अावास प्रमाण पत्र में अब इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे बिजली बिल
फ्रेंचाइजी कंपनी ने जो स्थिति पैदा कर दी है, उससे अब बिजली बिल आवास प्रमाण पत्र के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकेगा. बैंक अकाउंट खोलने, नया गैस कनेक्शन लेने व अन्य किसी कार्य में आवास प्रमाण पत्र के लिए बिजली बिल का महत्व था. इसके स्वरूप में बदलाव को संस्थान इसे आवास प्रमाण पत्र के रूप में नहीं मानेंगे.
आगे होने वाली दिक्कतें
मशीन से जारी बिल साक्ष्य के लायक नहीं रहेगा.
गड़बड़ी पर शिकायत करने तक मिट चुका होगा प्रिंट, बचेगा केवल कागज का टुकड़ा
नया बिल मिलने पर भुगतान करने से पहले पुराने भुगतान की नहीं मिल सकेगी जानकारी
बिल का फॉरमेट बदलने से आइडी प्रूफ के लिए भी यह इस्तेमाल नहीं हो सकेगा.
कंपनी ने नयी तकनीक का उपयोग किया है, जिससे उपभोक्ताओं को बिल का अब इंतजार नहीं रहेगा. प्रिंट की गड़बड़ी है, तो इसे सुधार किया जायेगा. अच्छी क्वालिटी का इंक प्रयोग में लाया जायेगा. इसे लंबे समय तक उपभोक्ता सुरक्षित रख सकेंगे. धोखाधड़ी की कोई बात नहीं है.
विनोद असवाल, महाप्रबंधक, बीइडीसीपीएल(फ्रेंचाइजी कंपनी)
फ्रेंचाइजी कंपनी दे रही नयी तकनीक का हवाला, उपभोक्ता लगा रहे हेराफेरी का आराेप
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