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ने अनुमंडलीय अस्पताल में तोड़ा दम शव के पास िवलाप करते परिजन. इधर जेएलएनएमसीएच में डिलिवरी टेबल से गिर कर नवजात की मौत भागलपुर : नौ माह तक जो मां की कोख में सुरक्षित पला-बढ़ा, वही शिशु मंगलवार की रात पैदा होते ही नर्सों व चिकित्सकाें की लापरवाही के कारण काल के गाल में समा […]

ने अनुमंडलीय अस्पताल में तोड़ा दम

शव के पास िवलाप करते परिजन.
इधर जेएलएनएमसीएच में डिलिवरी टेबल से गिर कर नवजात की मौत
भागलपुर : नौ माह तक जो मां की कोख में सुरक्षित पला-बढ़ा, वही शिशु मंगलवार की रात पैदा होते ही नर्सों व चिकित्सकाें की लापरवाही के कारण काल के गाल में समा गया. आरोप है कि शिशु की मौत के बाद लापरवाहों ने अपनी कारगुजारी छिपाने के लिए तीन घंटे तक नवजात की लाश को छिपाये रखा. फिर रात 12 बजे प्रसूता की सास को धमका कर लाश को अस्पताल के पीछे स्थित गंगा में फेंकवा दिया.
इधर जेएलएनएमसीएच में…
इसके बाद भी जिम्मेदारों का मनमानी से जी नहीं भरा तो उन सबने प्रसूता को वार्ड में शिफ्ट करने के बजाय डिलिवरी रूम में एक बेड पर लिटा दिया. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों के आरोप को खारिज कर दिया है और कहा है कि शिशु की मौत गर्भ में ही हो गयी थी.
बांका जिले के पंजवारा थानांतर्गत लखपुरा निवासी कारू दास की पत्नी साबू देवी(22 वर्ष) गर्भवती थी. प्रसव दर्द होने पर साबू देवी को मंगलवार की शाम चार बजे बाराहाट अस्पताल ले जाया गया. जहां से उसे सदर अस्पताल बांका रेफर कर दिया. यहां से चिकित्सकों ने प्रसूता को जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया. मंगलवार की शाम सात बजे प्रसूता को मायागंज अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में भरती कराया गया. चिकित्सकों ने प्रसूता में खून की कमी बताकर कारू दास से खून लाने को कहा. कारू दास खून लाने के लिए ब्लड बैंक गया. इधर डिलिवरी रूम में प्रसूता के साथ उसकी सास कलावती देवी मौजूद थी और एक भी नर्स, दाई अथवा चिकित्सक नहीं थे.
कलावती देवी के अनुसार, जैसे ही उसकी बहू साबू देवी के गर्भ से बच्चा निकला, डिलिवरी टेबल से सिर के बल नीचे गिर गया. वह नर्स को बुलाने गयी तो उसे उल्टे डांट दिया गया. कुछ देर बाद स्टाफ पहुंचा तो नवजात की माैत हो चुकी थी. इसके बाद करीब तीन घंटे तक लाश को डिलिवरी रूम में रखा गया. रात करीब दस बजे प्रसूता को खून भी चढ़ाया गया. कलावती देवी ने बताया कि उसे रात में वहां नर्स व दाई ने पुलिस बुलाकर जेल भेजने की धमकी दी, और उससे मृत शिशु की लाश को उठवा कर अस्पताल के पीछे नदी की ओर ले गयी और नदी में फेंकवा दिया. जिम्मेदारों ने इस मामले को दबाने के लिए प्रसूता को डिलिवरी रूम स्थित एक बेड पर लिटाया गया था.
गर्भ में ही हो गयी थी शिशु की मौत
प्रसूता को जब स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भरती कराया गया था तो उस समय उसे ज्यादा रक्तस्राव हो रहा था. प्रसव के दौरान डॉ अनुपमा सिंह मौजूद थी. कलर डॉप्लर अल्ट्रासाउंड कराया गया तो बच्चा गर्भ में मरा हुआ था. बच्चा निकालने के बाद मृत बच्चे को जब प्रसूता की सास को दिया गया तो उसी समय बच्चा उसके हाथ से गिरा था. डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच

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