भागलपुर : क्या आपकी रसोई में रखा टमाटर दो दिन में ही पानी छोड़ने व सड़ने लगता है. क्या फ्रिज में रखने के बावजूद परोल-तोरई दो दिन में काला हो जाता है. यदि हां, तो संभव है, यह सब्जियां शहर से निकलने वाले हथिया नाला के पानी से उगायी गयी हों. जी हां, कारखानों-घरों से निकला गंदा पानी हथिया नाला व गंगा नदी की सूरत बिगाड़ रहा है और इसी पानी से जहरीली सब्जियां उगा कर कुछ लोग शहर की सेहत बिगाड़ रहे हैं.
रोक-टोक नहीं होने से प्रदूषित पानी से सब्जियां उगा कर लोगों की रसोई तक पहुंचाने का यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है.
आइए जानें, दूषित पानी से उगी सब्जियों से कैसे बचें
सब्जी की ऐसे करें पहचान : कृषि विशेषज्ञ के अनुसार
भिंडी : दूषित ऊपरी नुकीला हिस्सा गहरा, निचला हिस्सा पीलापन लिए होता है, जबकि सामान्य पूरी हरी होती है.
गोभी : दूषित गहरे सफेद रंग की होती है, जबकि सामान्य फूल हल्का पीलापन लिए होता है.
बैंगन : दूषित ऊपरी हिस्सा चिकनाई युक्त चमकदार, जबकि सामान्य बिना चमकदार होता है.
तुरई-परोल : दूषित पीलापन स्वाद भी अलग, जबकि सामान्य हरी व अच्छा स्वाद वाला.
मूली : दूषित जड़ में काला निशान बन जाता है, जबकि सामान्य कालापन नहीं होता.
टमाटर : दूषित दो दिन में पानी छोड़ना शुरू कर देता है, जबकि सामान्य चार से पांच दिन तक खराब नहीं होता. फ्रिज में सामान्य तापमान पर रखने पर 10 से 12 दिन सुरक्षित रहता है.
हरी मिर्च : दूषित नोक पर पीलापन, तीन दिन में गलने लगती है, सामान्य चार-पांच दिन बाद बदलना शुरू करती है.
पालक : दूषित कटा-फटा और दाग युक्त. छोटे काले धब्बे होते हैं. दुर्गन्ध आती है. सामान्य साफ और पूरा होता है.
कद्दू : दूषित फ्रिज में रख
ने के बावजूद दो दिन के अंदर काला हो जाता है, सामान्य चार से पांच दिन तक सुरक्षित रहता है.
सेहत को नुकसान
प्रदूषित पानी से तैयार हरी सब्जियां लंबे समय तक खाने से बड़ी आंत, पेट, किडनी, कैंसर व मस्तिष्क रोग की संभावना काफी बढ़ जाती है.
डॉ डीपी सिंह, वरीय चिकित्सक सह प्रदेश अध्यक्ष, इंडियन
मेडिकल एसोसिएशन