10 करोड़ से अधिक के फल का कारोबार
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बाजार में उतरा ऑस्ट्रेलिया का सेब व चाइना का मालटा
10 करोड़ से अधिक के फल का कारोबार सावन को लेकर फल बाजार में दिखने लगी रौनक पिछले वर्ष से प्रति किलो 10 से 80 रुपये प्रति किलो तक बढ़े भाव भागलपुर : सावन को लेकर फल बाजार में रौनक दिखने लगी है. इससे फल दुकानदारों के चेहरे खिले हुए हैं. उनकी पहले से दोगुना-तिगुना […]
सावन को लेकर फल बाजार में दिखने लगी रौनक
पिछले वर्ष से प्रति किलो 10 से 80 रुपये प्रति किलो तक बढ़े भाव
भागलपुर : सावन को लेकर फल बाजार में रौनक दिखने लगी है. इससे फल दुकानदारों के चेहरे खिले हुए हैं. उनकी पहले से दोगुना-तिगुना तक कारोबार बढ़ गये हैं. फल कारोबारियों के बताये आंकड़े के मुताबिक पूरे सावन में 10 करोड़ से अधिक के कारोबार की संभावना है. हालांकि पिछले वर्ष से अधिकतर फल के भाव 10 से 80 रुपये किलो तक बढ़े हुए हैं.
यहां से आ रहे हैं फल
शिमला से आनेवाला सेब 120 रुपये किलो, चाइना व अॉस्ट्रेलिया से आने वाला सेब 180 रुपये किलो बिक रहे हैं, जो पिछले वर्ष 100 रुपये किलो बिक रहे थे. इस बार सेब की फसल कमजोर होने से ऐसी स्थिति आयी. यही सेब 15 दिन पहले तक 140-150 रुपये किलो था और पिछले वर्ष इसी समय में 100 रुपये किलो बिक रहे थे. वहीं हलद्वानी से आनेवाली नाशपाती 60 रुपये किलो, हैदराबाद से आने वाला मौसमी 60 रुपये किलो, चाइना का मालटा 100 रुपये किलो, नासिक का अनार 120 से 140 रुपये किलो तक बिक रहे हैं. इस बार सेब के महंगे होने से अन्य फलों पर भी असर पड़ा है.
फल के कारोबार का आंकड़ा
फल कारोबारी ठाकुर पोद्दार बताते हैं कि सामान्य दिनों एक ट्रक सेब की बिक्री भी नहीं हो पाती है. सावन में रोजाना दो ट्रक सेब की खपत है. एक ट्रक में 600 पेटी सेब आता है, जबकि दो ट्रक में 1200 पेटी. पिछले वर्ष एक पेटी सेब के भाव 1500 रुपये था, जो इस बार 2200 रुपये पेटी है. एक पेटी में लगभग 20 किलो सेब आता है. इस प्रकार पूरे सावन में 5.40 करोड़ के सेब की बिक्री होगी. दूसरे फल कारोबारी मो साहब ने बताया कि सावन में नाशपाती की भी दो ट्रक रोजाना खपत है.
नाशपाती के एक पेटी का भाव पिछले वर्ष 500 रुपये था, जबकि इस बार 600 से 650 रुपये है. ऐसे में 1.80 करोड़ के नाशपाती की बिक्री होगी. अनार का रोजाना एक ट्रक का खपत है. अनार एक पेटी का 900 से 950 रुपये होता है. पूरे सावन माह में 1.62 करोड़ रुपये के अनार बिकेंगे. मौसमी की रोजाना एक ट्रक सप्लाइ होती है. एक पेटी का 600 रुपये आता है. 1.08 करोड़ की मौसमी की बिक्री होगी. सावन के दौरान सबसे अधिक केला की बिक्री होती है, लेकिन फलों में सबसे सस्ता होने से केला का कारोबार लाखों में ही रह जाता है. रोजाना 200 घौद सकरचिनिया व 400 घौद सिंगापुरी केला की सप्लाइ होती है. इससे 50 लाख से अधिक कारोबार होता है.
चार माह तक सेब का करते हैं स्टोरेज
फल कारोबारी मो साहेब ने बताया कि भागलपुर में दो कोल्ड स्टोर है, एक तिलकामांझी और दूसरा दाउदवाट में. यहां पर फल रखने में दिक्कत नहीं होती. सेब तीन से चार महीना खराब नहीं होता है. ऐसे में चार माह पहले मिलने वाला सेब कम भाव में खरीद कर गरमी और बरसात में बेचते हैं. ऐसे में दोगुने-तिगुने भाव पर सेब को बेच कर अधिक से अधिक मुनाफा कमाते हैं. हालांकि कोल्ड स्टोर से सेब निकालने के बाद कभी-कभी अधिक से अधिक सेब खराब होने लगते हैं.
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