भागलपुर : भागलपुर स्टेशन को ए-वन श्रेणी का दर्जा मिला है. यह मालदा रेल डिवीजन का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्टेशन है. लेकिन पिछले दो दिनों की बारिश में स्टेशन की छत टपकने से पूरा स्टेशन परिसर गीला हो गया. किसी भी प्लेटफॉर्म पर ऐसी जगह नहीं थी जहां यात्री बिना भींगे ट्रेन का […]
भागलपुर : भागलपुर स्टेशन को ए-वन श्रेणी का दर्जा मिला है. यह मालदा रेल डिवीजन का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्टेशन है. लेकिन पिछले दो दिनों की बारिश में स्टेशन की छत टपकने से पूरा स्टेशन परिसर गीला हो गया. किसी भी प्लेटफॉर्म पर ऐसी जगह नहीं थी जहां यात्री बिना भींगे ट्रेन का इंतजार कर सकते थे. बैठना तो दूर, लोगों को खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था. माॅनसून के पहले स्टेशन के शेड की छत की मरम्मत नहीं कराने और उस पर कचरा जमा हो गया था,
जो नालियों में अटक गया और शेड टपकने लगा. इससे स्टेशन पर गाड़ियों का इंतजार कर रहे यात्रियों के सामान भींग गये. शेड का हिस्सा कई स्थानों से टूट गया है और बड़े-बड़े छेद हो गये हैं. इनको बदलने में विभाग कोताही बरत रहा है. मालूम हो कि भागलपुर स्टेशन पर लगभग 41 जोड़ी ट्रेनों का ठहराव होता है और लगभग एक लाख यात्रियों की आवाजाही होती है. यात्रियों को शेड से टपकते पानी से परेशान होना पड़ा.
ट्रेन के इंतजार में प्लेटफॉर्म पर भी यात्रियों को भींगना पड़ा : शेड से जगह-जगह टपकते बारिश का पानी के कारण यात्रियों को भींग कर ट्रेन पकड़ना पड़ा. प्लेटफाॅर्म पर बैठना तो दूर, यात्रियों को खड़े रहने तक की जगह नहीं मिली. रेल यात्री व्यवस्था को कोस रहे थे. मालदा-पटना इंटरसिटी के इंतजार में प्लेटफॉर्म पर खड़े राजीव कुमार ने बताया कि जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों की छुट्टी कर देनी चाहिए, जिनकी वजह से उनको भींगना पड़ा. उन्होंने बताया कि रेलवे की छवि धूमिल हो रही है. बांका के रंजीत ने बताया कि रेलवे अधिकारियों की लापरवाही की वजह से स्टेशन का यह हाल है. जिधर खड़ा हो रहे हैं, उधर ही सिर पर पानी टपकने लगता है. इधर, स्टेशन के बाहर पोर्टिको में भी बारिश के पानी से कई जगहों पर जल जमाव हो गया था़ मुख्य प्रवेश द्वार व सामान्य टिकट घर के समीप प्रवेश द्वार के निकट भी जल जमाव हो गया था. स्टेशन जाने वाले रोड में भी जगह-जगह पानी भरा था़.