बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के उर्दू निदेशालय ने राज्य के सभी विभागों को निर्देश जारी किया है कि संकेत पट्ट, नाम पट्ट, उत्तराधिकार पट्ट, सरकारी योजनाओं के बैनर, होर्डिंग, सड़क, सार्वजनिक भवन के नाम हिंदी के साथ-साथ द्वितीय राजभाषा उर्दू में भी प्रदर्शित हों. इसका अक्षरश: अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है. उर्दू निदेशालय द्वारा सभी विभागों को निर्देशित करने के बाद बिहार सरकार की सहकारिता विभाग के सहयोग समिति के निबंधक अजय कुमार चौधरी ने सभी जिला सहकारिता पदाधिकारी को भी निर्देश जारी किया है.
ज्ञात हो कि सीडब्ल्यूजेसी संख्या 25746/2013 में 6.1.2014 को पटना उच्च न्यायालय ने द्वितीय राजभाषा उर्दू के कार्यान्वयन के संबंध में आदेश दिया था. इसी वाद में संबंधित न्यायालय में अवमाननावाद भी दायर किया गया था. इसके अनुपालन की रिपोर्ट विभाग को शीघ्र भेजने को कहा गया है. इसके बाद बिहार विधानसभा के सदस्य मो नेमतुल्लाह ने यह सवाल उठाया था कि कितने भवनों, कार्यालय के बोर्ड, नाम पट्ट उर्दू में लगाये गये हैं. इस पर विधानसभा सचिवालय ने 8.4.2016 को उर्दू निदेशालय से जानकारी मांगी थी. इसके आधार पर उर्दू निदेशालय के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सभी विभागों की यह जानकारी इमेल के जरिये देने को कहा था.