भागलपुर : रे-धीरे चुनाव व्यक्ति पर ही केंद्रित होता दिख रहा है. दोनों दावेदारों के हर दल के नेताओं से व्यक्तिगत संबंध हैं. जोड़-तोड़ की राजनीति में सोमवार को भी दिखा कि दल से अधिक दिल की ही पूछ हो रही है. जो जिसका नजदीकी है, वह उसको समर्थन कर रहा है. सोमवार को नवनिर्वाचित जिप सदस्यों में अधिकांश का मोबाइल आउट ऑफ रिच था. ऐसी चर्चा भी रही कि कई जिप सदस्यों को दूसरे राज्यों का सैर कराया जा रहा है.
टुनटुन साह व शिव मंडल के नाम की हो रही है चर्चा : जिप अध्यक्ष के दावेदारों में जो नाम सामने आये हैं, उसमें जिप सदस्य टुनटुन साह व शिव मंडल के नाम की चर्चा जोरों पर है. अब तक जो बातें सामने आयी है, उसमें टुनटुन को जहां पूर्व सांसद का समर्थन है तो शिव मंडल को एक वर्तमान सांसद का. विधायकों की लॉबिंग भी दोनों के पक्ष में हो रही है लेकिन खुल कर कोई सामने नहीं आ रहा है.
नगर विधायक के यहां हुई बैठक : सोमवार को नगर विधायक अजीत शर्मा के आवास पर बैठक हुई. बैठक मे ंनाथनगर विधायक अजय मंडल भी पहुंचे. इसके अलावा जिप सदस्य चक्रपाणि हिमांशू भी मौजूद थे. पूछे जाने पर विधायक अजीत शर्मा ने सिर्फ इतना ही कहा कि बैठक में सिर्फ राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई. सूत्रों की मानें तो एक और विधायक शिव मंडल के पक्ष में लॉबिंग कर रहे हैं. जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के जोड़-तोड़ को लेकर हो रही चर्चा के संबंध में पूछे जाने पर पूर्व जिप अध्यक्ष शंभू दयाल खेतान ने कहा कि अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. मंगलवार की शाम तक सब कुछ सामने आ जायेगा.
महत्वाकांक्षाएं मार रहीं हिलोर
भागलपुर में जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव 22 जून को है. पूरी तरह से शोभा का पद होने के बावजूद यहां की राजनीति के माहिर खिलाड़ी शतरंज की बिसात पर सारे दावं आजमा रहे हैं. फलत: दिलचस्प मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है. सभी पार्टियों के बड़े-बड़े खिलाड़ी मैदान में अपने-अपने मोहरे लगा कर ताकत आजमाने में जुटे हैं. परिषद के लिए जीते 31 सदस्यों में से जितनों से भी बात हुई, सब अध्यक्ष बनने की होड़ में खुद को शामिल बताते हैं. अब ऐसे में अध्यक्ष कौन होगा, यह आकलन थोड़ा मुश्किल हो रहा है. महत्वाकांक्षाएं सबकी जोर मार रही हैं.
दलगत आधार पर चुनाव न लड़ने वाले सभी विजयी सदस्य अब भाजपा, राजद, जदयू या कांग्रेस के बहाने भी अपनी जीत की संभावनाएं तलाश रहे हैं. गतिविधियां तेज हैं दिलचस्प बात यह है कि यहां के बड़े नेता अंदर से तो किसी अपने को अध्यक्ष बनाने को बेचैन हैं, लेकिन इस डर से कि कहीं दावं उलटा न पड़ जाए, बात करने पर यह कहना नहीं भूलते कि योग्य व्यक्ति आये, जिससे भागलपुर का भला हो.
जिला परिषद चुनाव में एक बात और समझ से परे हैं कि जिससे बात कीजिए वही बताता है कि अध्यक्ष बनने के लिए लोग स्कॉर्पियो-बोलेरो और 10-10 लाख रुपये नकद दे रहे हैं, लेकिन जब पूछिए कि वो कौन लोग हैंं, तो मुस्कुरा कर बात को टाल देते हैं. अफवाहें तरह-तरह की हैं. चर्चा है कि अध्यक्ष पद के एक दावेदार 16 सदस्यों को लेकर नेपाल की यात्रा पर निकल गये हैं और 22 जून को मतदान के दिन ही लेकर लौटेंगे.
वहीं, एक अन्य दावेदार महागंठबंधन के विधायकों और उनके जीते करीबी लोगों के समर्थन का दबाव बढ़ा दिये हैं. असल बात ये है कि 22 जून को भागलपुर जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव है. और कहीं किसी तरह की गहमागहमी नहीं है. सब कुछ अंदर-अंदर पक रहा है. सोमवार की रात शहर के कुछ आलीशान घर हर रोज के मुकाबले कुछ ज्यादा रोशनी फेंक रहे थे.
कलफ लगे कुर्ते में नये जीते परिषद सदस्य अपने-अपने आकाओं की परिक्रमा में लगे रहे. उन्हें मालूम है कि अध्यक्ष तो कोई एक ही बनेगा, लेकिन आगे का समीकरण बना रहा, तो भविष्य मलाई काटने के मौके और भी मिलेंगे.