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सरगना कौन, सफेदपोश तो इसके पीछे नहीं

भागलपुर: पांच हथियार तस्करों की गिरफ्तारी और नाइन एमएम की 36 अर्धनिर्मित पिस्टल की बरामदगी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है, पर अभी भी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि हथियार की खेप भेजी किसने और मुंगेर का वह हथियार तस्कर कौन है जो इन हथियारों को रिसीव करने वाला था. पकड़े […]

भागलपुर: पांच हथियार तस्करों की गिरफ्तारी और नाइन एमएम की 36 अर्धनिर्मित पिस्टल की बरामदगी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है, पर अभी भी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि हथियार की खेप भेजी किसने और मुंगेर का वह हथियार तस्कर कौन है जो इन हथियारों को रिसीव करने वाला था. पकड़े गये सभी पांच युवक तो सिर्फ हथियारों की खेप लाने और पहुंचाने का काम करते थे. इनमें से सभी को प्रत्येक खेप के लिए तीन से पांच हजार दिया जाता था.

हथियारों को भेजने और उसे खरीदने वालों का पता नहीं चल पाया है. हालांकि पकड़े गये हथियार तस्करों ने स्वीकारोक्ति बयान में कई लोगों के नाम बताये हैं. कई सफेदपोश के भी नाम हथियार तस्करी में सामने आ रहे हैं. पर अभी बहुत कुछ खुलना बांकी है.

बंगाल और झारखंड से 70 पिस्टल की खेप पिछले महीने भी पहुंच चुकी है
पिछले महीने बंगाल और झारखंड से 70 पिस्टल की खेप मुंगेर पहुंच चुकी है. पिछले महीने बंगाल से नाइन एमएम का 40 पिस्टल और झारखंड से 30 पिस्टल की खेप हथियार तस्कर यहां लेकर आ चुके हैं. भागलपुर होते हुए ही हथियार को मुंगेर पहुंचाया गया. वह हथियार कहां है और उसका कहां और कैसे इस्तेमाल किया जाना है इसकी जांच पुलिस कर रही है.
झारखंड से आने वाली बसों की होगी जांच. झारखंड से हथियार की तस्करी का मामला सामने आने के बाद भागलपुर पुलिस झारखंड से आने वाली सभी बसों की जांच करेगी. एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड से लगभग 22 बसें राेज आती हैं. उन बसों में पुलिस द्वारा औचक जांच की जायेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है ताकि हथियार तस्करी के गढ़ को जड़ से ही खत्म किया जा सके.
स्पीडी ट्रायल के तहत दिलायी जायेगी सजा. एसएसपी मनोज कुमार ने पीसी के दौरान कहा कि हथियार तस्करों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलायी जायेगी. उन्होंने कहा कि दो से तीन महीने के अंदर इस तस्करों को सजा दिलाने की कोशिश की जायेगी. तस्करों ने कंफेशन ने जिन लोगों के नाम बताये हैं उनतक पहुंचने की काेशिश भी पुलिस करेगी.
इंटर में एडमिशन के लिए यह काम कर रहा था
हथियार तस्करी में पकड़े गये मुंगेर जानकीपुर के राहुल कुमार ने पुलिस को बताया कि इंटर में एडमिशन कराने के लिए उसे पैसे की जरूरत थी इसलिए उसने इस काम को चुना. हथियार का एक खेप पहुंचाने के बदले तीन से पांच हजार की लालच में उसने ऐसा किया. राहुल ने दो साल पहले ही मैट्रिक पास कर लिया है. सवाल यह है कि दो साल बाद उसने इंटर में एडमिशन लेने को क्याें सोचा.
पहले भी पकड़ी गयी है मिनी गन फैक्टरी
भागलपुर जिले में पिछले साल मिनी गन फैक्टरी पकड़ा जा चुका है. पिछले साल 27 अक्तूबर को मोजाहिदपुर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती ने छत्रपति चौक के पास से शहाब नाम अपराधी को दस पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया था. उसने बताया था कि उसके घर पर मिनी गन फैक्टरी चल रही है. गोराडीह के डहरपुर में उसके घर पर छापेमारी की गयी तो वहां से मिनी गन फैक्टरी पकड़ी गयी. 26 मई 2015 को लोदीपुर थाना क्षेत्र के उस्तू गांव में मिनी गन फैक्टरी पकड़ा गया था. इस मामले में मो मौसीम, मो तनवीर, मो हसीम, रौफ और मो शाहनवाज को पकड़ा गया था. पकड़े गये हथियार तस्करों में दो मुंगेर के थे.

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