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भागलपुर राज्य का पहला स्मार्ट सिटी

दूसरा चरण . रांची सहित 13 नये शहरों का एलान सरकार ने दूसरे चरण में स्मार्ट सिटी के लिए 13 नये शहरों काे चुना है. इनमें िबहार का पहला शहर भागलपुर भी शामिल है. हालांिक राज्य से मुजफ्फरपुर व िबहारशरीफ के नाम भी भेजे गये थे. दिल्ली/भागलपुर : केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को […]

दूसरा चरण . रांची सहित 13 नये शहरों का एलान

सरकार ने दूसरे चरण में स्मार्ट सिटी के लिए 13 नये शहरों काे चुना है. इनमें िबहार का पहला शहर भागलपुर भी शामिल है. हालांिक राज्य से मुजफ्फरपुर व िबहारशरीफ के नाम भी
भेजे गये थे.
दिल्ली/भागलपुर : केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को 13 और शहरों के नामों की घोषणा की, जिन्हें केंद्र के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित किया जायेगा. इस सूची में बिहार से भागलपुर, झारखंड से रांची और पश्चिम बंगाल से कोलकाता शहर का नया इलाका भी शामिल है. सूची में चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश का लखनऊ सबसे ऊपर है, उसके बाद तेलंगाना के वारंगल और हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला का नाम है. इस सूची में भागलपुर सातवें नंबर पर है.
‘फास्ट ट्रैक कंपीटिशन’ में 23 शहरों ने भाग लिया था. हालांकि सिर्फ 13 शहर ही प्रतिस्पर्धा में सफल हो सके. ये शहर उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं, जिन्हें पहले चरण में प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका था. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस प्रतिस्पर्धा की घोषणा की. नायडू ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फास्ट ट्रैक कंपीटिशन में चुने गये 13 शहरों ने कुल 30,229 करोड़ रुपये के निवेश
भागलपुर राज्य का…
का प्रस्ताव किया है. इसके साथ ही, 33 शहरों में स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्रस्तावित निवेश अब 80,789 करोड़ रुपये हो गया है. जनवरी में 20 शहरों की घोषणा की गयी थी.
नयी सूची की वजह : केंद्र ने पहली बार 20 शहरों की सूची जारी की थी, तब आरोप लगा था कि केवल उन राज्यों के शहरों को सूची में रखा जा रहा है, जहां भाजपा या एनडीए की सरकारें हैं. आरोप यह भी था कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के शहरों को छोड़ दिया गया है. इसके बाद, फास्ट ट्रैक प्रोसेस के जरिये 23 शहरों की सूची मांगी गयी. इसमें से 13 सिटी को सिलेक्ट किया गया. इस बार की सूची में हिमाचल, मणिपुर भी है, जहां कांग्रेस की सरकारें हैं.
ऐसे होता है चुनाव
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए शहरों का चुनाव दो फेज में होता है. पहले राज्य शहरों के नाम केंद्र सरकार को भेजते हैं. इसके बाद हर शहर फेसेलिटीज के आधार पर दूसरे शहर से मुकाबला करता है. इस साल के आखिर तक और 40 शहरों का चुनाव किया जायेगा. हर शहर को 500 करोड़ रुपये का बजट केंद्र सरकार देगी. इतनी ही राशि राज्य सरकारों को भी देना होगा. इस तरह से ऐसे शहरों का िवकास होगा.
इसकी जरूरत क्यों?
अरबन डेवलपमेंट मिनिसट्री के अनुसार देश में अभी शहरी आबादी 31 फीसदी है, लेकिन इसकी भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी सिर्फ 60 फीसदी से ज्यादा है. माना जा रहा है कि अगले 15 साल में शहरी आबादी की जीडीपी में हिस्सेदारी 75 फीसदी होगी. इस वजह से 100 स्मार्ट सिटी बनाने का इरादा सरकार का है.
क्या है तय मानक
यातायात: एक से दूसरे स्थान पर जाने में अधिकतम 45 मिनट लगे. दो मीटर चौड़े फुटपाथ. 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस स्टॉप.
रिहाइश : 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क हों. 20% मकान कमजोर वर्ग के लिए हो.
बिजली- पानी : 24 घंटे बिजली-पानी के साथ हर घर में बिजली. प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी िमले.
वाइफाइ : सौ प्रतिशत घरों तक वाइफाइ कनेक्टिविटी. 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाइफाइ.
हेल्थ: इमरजेंसी सेवा 30 मिनट में. 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी. एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला अस्पताल व 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल.
शिक्षा: 15% क्षेत्र शिक्षण क्षेत्र के लिए हों. 2500 लाेगों पर एक प्री-प्राइमरी, 5000 पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकेंडरी, प्रत्येक एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो.
इस साल 40 और शहरों का होगा चुनाव
राज्य शहर
बिहार भागलपुर
झारखंड रांची
यूपी लखनऊ
बंगाल कोलकाता नया इलाका
छत्तीसगढ़ रायपुर
हरियाणा फरीदाबाद
हिमाचल धर्मशाला
तेलंगाना वारंगल
गोआ पणजी
त्रिपुरा अगरतला
मणिपुर इंफाल
यूटी चंडीगढ़
अंडमान पोर्ट ब्लेयर
क्वालिटी ऑफ लाइफ : यानी यहां रहनेवाले हर व्यक्ति को क्वालिटी लाइफ मिले. मतलब किफायती घर हो, हर तरह की मूलभूत सुविधाएं हों. दिन-रात पानी-बिजली की सुविधा हो. अच्छे स्कूल-कॉलेज, अस्पताल हों.
निवेश : ह्यूमन व नेचुरल रिसोर्स के अनुसार पूरा निवेश भी आये. बड़ी कंपनियों को अपनी इंडस्ट्री लगाने की सुविधाएं मिले.
रोजगार : स्मार्ट सिटी में निवेश ऐसा हो कि वहां या आसपास रहनेवाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके मिले. यहां रहनेवालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े.

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