महिला को मुआवजा देने का आदेश
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महिला के पिता और पति भी आये थे इशाकचक
महिला को मुआवजा देने का आदेश भागलपुर : जिला उपभोक्ता फोरम ने तपस्वी नर्सिंग होम संचालक डॉ विभा चौधरी और डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह के खिलाफ गुरुवार को उषा देवी मामले की सुनवाई में आदेश दिये. फोरम ने संचालकों को उषा देवी को मुआवजा के रूप में 25 हजार रुपये और मुकदमा खर्च दो हजार […]
भागलपुर : जिला उपभोक्ता फोरम ने तपस्वी नर्सिंग होम संचालक डॉ विभा चौधरी और डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह के खिलाफ गुरुवार को उषा देवी मामले की सुनवाई में आदेश दिये. फोरम ने संचालकों को उषा देवी को मुआवजा के रूप में 25 हजार रुपये और मुकदमा खर्च दो हजार रुपये देने का आदेश दिया.
यह है मामला
छोटी खंजरपुर(बरारी) की उषा देवी ने 23 सितंबर 2002 को तपस्वी नर्सिंग होम में बंध्याकरण कराया. इससे पहले उसका गर्भपात हुआ था. बंध्याकरण के चार वर्ष बाद वह दोबारा गर्भवती हो गयी. इससे वह कई बीमारी से ग्रसित हो गयी. उषा देवी ने जिला उपभोक्ता फोरम में 24 अगस्त 2006 को वाद दायर कर दिया. फोरम के नोटिस पर डॉ विभा चौधरी ने लिखित जवाब दिया कि डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. इस कारण उन्होंने वादिनी का बंध्याकरण नहीं किया. जिला उपभोक्ता फोरम ने तपस्वी नर्सिंग होम संचालक डॉ विभा चौधरी और डॉ मृत्युंजय चौधरी की सेवा में त्रुटि पाते हुए उनके खिलाफ आदेश दिये.
जायेंगे स्टेट फोरम
डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि बंध्याकरण के दौरान ही महिला गर्भवती थी. एमटीपी कराने की सलाह दी दी गयी थी. इधर सुनवाई के दौरान पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया. इस फैसले के खिलाफ स्टेट फोरम में जाएंगे.
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