भागलपुर : आनंद माधव ने कहा कि आज हम देखते हैं कि देश में कई लोग हैं जो शीर्ष पर हैं. हमें यह जानना चाहिए कि वे शीर्ष पर कैसे पहुंचे. इसकी अगर कोई मुख्य वजह हम ढूंढ़ें, तो पायेंगे कि उस व्यक्ति ने काम को जीया है. लीक से हट कर सकारात्मक सोच के […]
भागलपुर : आनंद माधव ने कहा कि आज हम देखते हैं कि देश में कई लोग हैं जो शीर्ष पर हैं. हमें यह जानना चाहिए कि वे शीर्ष पर कैसे पहुंचे. इसकी अगर कोई मुख्य वजह हम ढूंढ़ें, तो पायेंगे कि उस व्यक्ति ने काम को जीया है. लीक से हट कर सकारात्मक सोच के साथ काम किया है. इस रास्ते जो भी बदलाव आये, उसमें मानसिक व शारीरिक रूप से ढल जाना चाहिए. यह तभी संभव है, जब हमारा कोई लक्ष्य होगा. इसी से जीत के लिए सफर शुरू हो सकता है.
श्री माधव ने कहा कि आज आगे बढ़ने के लिए कुछ लोग सफलता के लिए थ्री एस यानी स्लिम, स्मार्ट व सेक्सी होने का रास्ता चुनते हैं.
लेकिन इसकी सीमा है. वहीं दूसरी ओर अगर थ्री सी यानी कमिटमेंट, क्रियेटिविटी व कंफीडेंस के जरिये आगे बढ़ेंगे, तो बढ़ते चले जायेंगे. इस रास्ते चलते हुए काम की निरंतरता को पुश करते रहेंगे, तो सफलता में चार चांद लगता रहेगा. सफलता पा लेना ही लक्ष्य नहीं है, इसके आगे भी सफलता है. इसके लिए हमारे अंदर हमेशा ही सीखने की भूख होनी चाहिए. बिहार के विकास पर उन्होंने सवाल उठाया कि यहां नये उद्योग आयेंगे,
तो वे क्या करेंगे. बिहार में एक ही विकल्प है और वह है कृषि आधारित उद्योग का. उद्योगपति हमेशा रिटर्न खोजते हैं. यहां कृषि आधारित उद्योग लगे, तो उसे बड़ा बाजार मिल सकता है. उसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोड़ कर व्यापक फलक दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शहर बढ़ते जा रहे हैं. गांवों में शहरीकरण तो धीरे-धीरे बढ़ रहा है, पर सुविधाएं उतनी नहीं बढ़ रही. यहां ग्रामीण उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है. इसका गांवों में भरपूर अवसर हैं.
मार्केटिंग के क्षेत्र पर भी श्री माधव अपने अनुभव शेयर किये. उन्होंने कहा कि प्रबंधन क्षेत्र के बड़े-बड़े संस्थानों से मार्केट में आनेवाले विशेषज्ञों को लगता है कि एयरकंडीशनर रूम में बैठ कर योजना बना लेने से उत्पादों को मार्केट में उतारा जा सकता है. समय में काफी बदलाव आ चुके हैं. हमें (उत्पाद को) घर-घर पहुंचने के लिए योजना भी घर-घर जाकर बनानी होगी. हमें स्थलीय पड़ताल करने के बाद ही योजना बनानी होगी. वैसे भी सफल होने के लिए गहराई में जाना ही होगा.