गोपालपुर : सीएस डाॅ प्रतिमा मोदी के कार्यकाल में अवैध निकासी को लेकर तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ भीम लाल व लेखापाल नीरज कुमार पर गोपालपुर थाना में मामला दर्ज कराया गया था. बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया और गबन के मामले का खुलासा नहीं हो सका. रंगरा पीएचसी में भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व लेखापाल द्वारा बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता किये जाने की शिकायत पर तत्कालीन आरडीडी डाॅ सुधीर कुमार ने अभिलेखों की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन आज तक न तो जांच हुई और न ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई.
आशा बहाली प्रक्रिया की भी होगी जांच : गोपालपुर पीएचसी में लाखों की हेराफेरी के मामले उजागर होने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय आशा नियुक्ति की भी जांच कराने में जुट गया है. .गोपालपुर पीएचसी मे पिछले एक वर्ष से फर्जी आशा का चयन कर उसके खाते में भुगतान की बात सामने आ रही है.
यूको बैंक की गोपालपुर शाखा के प्रबंधक एक आशा के खाते में लाखों रुपये का भुगतान देख अचंभित हो गये. उन्होंने इसकी जानकारी पीएचसी के प्रबंधक को दी. इसके बाद फर्जीबाड़े का परत दर परत खुलासा होता गया. एसीएमओ डाॅ रामचंद्र प्रसाद ने बताया कि जांच पूरी होने को है. इस मामले में कई लोग दोषी हैं.
कहते हैं प्रदाधिकारी : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सीएस को जानकारी दी. डीपीएम परवेज अशरफ ने बताया कि सभी अभिलेखों की जांच की जा रही है. आशाओं को किये गये भुगतान की जांच की जायेगी.
कहते हैं सीएस : सीएस डाॅ विजय कुमार ने कहा कि हर स्तर से जांच की जा रही है. दोषी पर कार्रवाई हाेगी.
क्या है मामला
पिछले एक वर्ष से निहारिका कुमारी के नाम से यूको बैंक की गोपालपुर शाखा में बचत खाता खोल कर लगभग छह लाख 64 हजार रुपये अलग-अलग समय पर जमा कराये गये. यूको बैंक की गोपालपुर शाखा के प्रबंधक ने जब पीएचसी प्रबंधन जब को इस आर्थिक अनियमितता के बारे में सूचित किया तब तक निहारिका के खाते से चार लाख रुपये की निकासी कर ली गयी थी. तब यहां बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर हुआ. फिलहाल खाते में बची दो लाख 64 हजार रुपये को सील कर जांच की जा रही है.