भागलपुर : पश्चिम बंगाल में रिसड़ा से 22 दिसंबर को श्रीमद्भागवत कथा वाचन करना शुरू किया. पिता विष्णु पाठक की प्रेरणा से जन-जन तक भागवत को पहुंचाने का संकल्प लिया है. भक्तिपूर्ण इस अनुष्ठान में आडंबर आ गया है. इसे आडंबर से मुक्त किया जायेगा. कई लोग भागवत कथा को पेशा बना चुके हैं. चूंकि भागवत कथा का वाचन कर दाम वसूलना उचित नहीं है. उक्त बातें नवोदित कथावाचक पंडित शिवम विष्णु पाठक ने बुधवार को देवी बाबू धर्मशाला में संवाददाताओं को कही. उन्होंने बताया कि वास्तुशास्त्र की जानकारी कोई भी प्राप्त कर सकते हैं.
उनके यहां 15 पीढ़ी से लोग वास्तुशास्त्र के पारंगत हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सिगनापुर स्थित शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि हर मानव को समान अधिकार प्राप्त है. पुरुष और महिलाओं में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. उनके पिता पंडित विष्णु पाठक ने कहा कि जो धर्म की रक्षा करेगा,
धर्म उनकी रक्षा करेगा. भागवत का प्रचार करने से गौ, गंगा समेत हर चीजों की रक्षा स्वयं हो जायेगी. उन्होंने कहा कि भागवत कथा से भारतीय संस्कृति से खासकर बच्चों को अवगत कराया जाता है. पाश्चात्य संस्कृति हो या अन्य कोई संस्कृति, इसे अपनाने में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन अपनी संस्कृति को नहीं भुलना चाहिए. मौके पर लायनेस क्लब की अध्यक्षा शशि भुवानिया, सचिव नीलम अग्रवाल, वीणा अग्रवाल, प्रतिमा अग्रवाल, चांद झुनझुनवाला आदि उपस्थित थे.