भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने मंगलवार को गांव डोभी (सन्हौला) में एक जनवरी 2007 को हुए चर्चित तिहरे हत्याकांड में ऋषि मंडल और सुभाष सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी. दोनों आरोपित को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा होगी. मामले में अपर लोक अभियोजक जयदेव प्रसाद, ऋषि मंडल की ओर से अधिवक्ता पन्ना सिंह और सुभाष सिंह की ओर से अधिवक्ता सुनील सिंह ने पैरवी की.
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डोभी के चर्चित तिहरे हत्याकांड में दो को उम्रकैद
भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने मंगलवार को गांव डोभी (सन्हौला) में एक जनवरी 2007 को हुए चर्चित तिहरे हत्याकांड में ऋषि मंडल और सुभाष सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी. दोनों आरोपित को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा होगी. मामले […]
यह था मामला. एक जनवरी 2007 को गांव डोभी (सन्हौला) में शाम छह बजे समली पासवान अपने घर के समीप खड़े थे. तभी कुछ लोग अपने साथियों के साथ आ गये. गेरुआ नदी को पार करके आये ऋषि मंडल, भोला मंडल, दीना मंडल, बिंदु मंडल आदि ने गाली-गलौज शुरू कर दी. वे झकसु मंडल को खोज रहे थे. इन लोगों के डर से समली पासवान घर में छिप गये. ऋषि मंडल और उनके साथियों ने दरवाजा में धक्का मारते हुए फायर झोंक दिया.
इस दौरान समली पासवान की पत्नी बबली देवी भागने लगी. ऋषि मंडल ने कट्टा के कुंदा से बबली देवी के सिर पर वार कर किया, जिससे उसकी मौत हो गयी. ऋषि मंडल और साथी घटना को अंजाम देकर गांव वालों को चुप रहने की चेतावनी देते हुए गेरुआ नदी के उस पार चले गये. वहां सभी हरेराम मंडल के घर गये, जहां उसकी मां पागो देवी को ऋषि मंडल ने मार दिया. इस दौरान रिटायर रेलवे कर्मचारी महादेव मंडल ने विराेध किया तो उसे भी मार दिया और उसकी पत्नी फगुनी देवी को बुरी तरह जख्मी कर दिया. तीन हत्या के बाद ऋषि मंडल ने ग्रामीणों को पुलिस को सूचना नहीं देने की चेतावनी दी और भाग गये. अगले दिन सुबह गांव डोभी में चौकीदार के पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ और तमाम पुलिस पदाधिकारी घटना स्थल पर गये.
समली पासवान की शिकायत पर थाना आमडंडा में आठ आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. इसमें ऋषि मंडल, मुरारी मंडल, विनोद उर्फ बिंदु मंडल, सलील उर्फ शालीग्राम मंडल, विलास मंडल, विद्या मंडल, भोला मंडल और सुभाष सिंह उर्फ सुब्बा शामिल थे.
भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने मंगलवार को गांव डोभी (सन्हौला) में एक जनवरी 2007 को हुए चर्चित तिहरे हत्याकांड में ऋषि मंडल और सुभाष सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी. दोनों आरोपित को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा होगी. मामले में अपर लोक अभियोजक जयदेव प्रसाद, ऋषि मंडल की ओर से अधिवक्ता पन्ना सिंह और सुभाष सिंह की ओर से अधिवक्ता सुनील सिंह ने पैरवी की.
यह था मामला. एक जनवरी 2007 को गांव डोभी (सन्हौला) में शाम छह बजे समली पासवान अपने घर के समीप खड़े थे. तभी कुछ लोग अपने साथियों के साथ आ गये. गेरुआ नदी को पार करके आये ऋषि मंडल, भोला मंडल, दीना मंडल, बिंदु मंडल आदि ने गाली-गलौज शुरू कर दी. वे झकसु मंडल को खोज रहे थे. इन लोगों के डर से समली पासवान घर में छिप गये. ऋषि मंडल और उनके साथियों ने दरवाजा में धक्का मारते हुए फायर झोंक दिया. इस दौरान समली पासवान की पत्नी बबली देवी भागने लगी. ऋषि मंडल ने कट्टा के कुंदा से बबली देवी के सिर पर वार कर किया,
जिससे उसकी मौत हो गयी. ऋषि मंडल और साथी घटना को अंजाम देकर गांव वालों को चुप रहने की चेतावनी देते हुए गेरुआ नदी के उस पार चले गये. वहां सभी हरेराम मंडल के घर गये, जहां उसकी मां पागो देवी को ऋषि मंडल ने मार दिया. इस दौरान रिटायर रेलवे कर्मचारी महादेव मंडल ने विराेध किया तो उसे भी मार दिया और उसकी पत्नी फगुनी देवी को बुरी तरह जख्मी कर दिया. तीन हत्या के बाद ऋषि मंडल ने ग्रामीणों को पुलिस को सूचना नहीं देने की चेतावनी दी और भाग गये.
अगले दिन सुबह गांव डोभी में चौकीदार के पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ और तमाम पुलिस पदाधिकारी घटना स्थल पर गये. समली पासवान की शिकायत पर थाना आमडंडा में आठ आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. इसमें ऋषि मंडल, मुरारी मंडल, विनोद उर्फ बिंदु मंडल, सलील उर्फ शालीग्राम मंडल, विलास मंडल, विद्या मंडल, भोला मंडल और सुभाष सिंह उर्फ सुब्बा शामिल थे.
हत्या मामले में एक व्यक्ति दोषी करार
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने सुभाष मांझी की हत्या में मंगलवार को सुनील मांझी को दोषी करार दिया. कोर्ट आरोपित को सात मई को सजा सुनायेगी. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक मुक्ति प्रसाद सिंह और बचाव पक्ष से ब्रह्मदेव यादव ने पैरवी की. मामले के अनुसार 13 नवंबर 2012 को शिवनंदनपुर मुसहरी ( सुलतानगंज ) के सुभाष मांझी की दुकान पर सुनील मांझी आया. उसने सुभाष मांझी से सिगरेट मांगी. इस पर उसने नहीं होने की बात कह दी. इस बात को लेकर सुनील मांझी सुभाष मांझी से कहासुनी करने लगा. दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गयी, मगर बीच में सुभाष मांझी की पत्नी कलावती देवी आ गयी और उसे दुकान के भीतर ले जाने लगी. इस दौरान सुनील मांझी ने कमर से पिस्टल निकालकर सुनील मांझी को गोली मार दी. घटना के बाद सुभाष मांझी की मौत हो गयी. कलावती देवी की शिकायत पर सुलतानगंज थाना पुलिस ने सुनील मांझी के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया.
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