भागलपुर विश्वविद्यालय के 44वें दीक्षांत समारोह में बोले कुलािधपति
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एकेडमिक कैलेंडर के अनुपालन से दूर होगी शैक्षणिक समस्या
भागलपुर विश्वविद्यालय के 44वें दीक्षांत समारोह में बोले कुलािधपति भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विवि के 44 वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि कुलाधिपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा के बेहतरी के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम करने की जरूरत है. विवि में सृजनात्मक, शैक्षणिक वातावरण का निर्माण हो, इसके […]
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विवि के 44 वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि कुलाधिपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा के बेहतरी के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम करने की जरूरत है. विवि में सृजनात्मक, शैक्षणिक वातावरण का निर्माण हो, इसके लिए शिक्षा के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए चरित्र -निर्माण की दिशा में भी मिल कर काम करने की आवश्यकता है. एकेडमिक कैलेंडर के अनुपालन से ही शैक्षणिक समस्याएं दूर की जा सकती हैं.
अनुसंधान संगोष्ठी व कार्यशाला के माध्यम से ही विवि में गुणात्मक शिक्षा और आधारभूत संरचना का विकास हो पायेगा. उन्होंने कहा कि विवि ज्ञान का मंदिर है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और समाज के हर वर्ग तक उसकी पहुंच बनाना विवि का पहला लक्ष्य होना चाहिए. तिलकामांझी भागलपुर विवि बिहार ही नहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पठन-पाठन के लिए जाना जाता है. यह विवि ने कई नामचीन वैज्ञानिक,
महान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को दिये हैं. कुलाधिपति ने कहा कि पारंपरिक शिक्षा प्राप्त कर युवा कठिनाई अनुभव कर रहे हैं. ऐसे में पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक और रोजगारोन्मुखी शिक्षा आज की जरूरत है. छात्रों के बौद्धिक व नैतिक विकास के साथ-साथ कौशल विकास का महत्व ज्यादा बढ़ गया है. दीक्षांत का अर्थ शिक्षा का अंत नहीं है.
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