गतिरोध . आंदोलनरत मजदूरों के आगे पुलिस पदाधिकारियों की नहीं चली
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कोल डंप में िफर नहीं होने दिया रैक लोड
गतिरोध . आंदोलनरत मजदूरों के आगे पुलिस पदाधिकारियों की नहीं चली पीरपैंती के कोल डंप से रैक लोड कराने में स्थानीय पुलिस प्रशासन एक बार फिर मंगलवार को भी विफल रहा. बिहार सरकार के प्रधान सचिव के आदेश के आलोक में डीएम के निर्देश पर मंगलवार को स्थानीय पुलिस पदाधिकारी रैक लोड कराने पहुंचे थे, […]
पीरपैंती के कोल डंप से रैक लोड कराने में स्थानीय पुलिस प्रशासन एक बार फिर मंगलवार को भी विफल रहा. बिहार सरकार के प्रधान सचिव के आदेश के आलोक में डीएम के निर्देश पर मंगलवार को स्थानीय पुलिस पदाधिकारी रैक लोड कराने पहुंचे थे, लेकिन डिपो के हटाये गये मजदूरों के हठ के आगे उनकी एक न चली.
पीरपैंती : रैक लोड नहीं होने के कारण पांच अप्रैल से ही स्थानीय कोलडंप से फरक्का व कहलगांव ताप बिजली घरों को रेल रैक से कोयला आपूर्ति बंद है. इस कारण इन बिजली घरों में कोयले की कमी हो गयी है. वहीं ईसीएल के डंपिंग यार्ड तथा स्थानीय कोल डंप पर कोयले का अंबार लगा हुआ है. यहां के मजदूर स्थायीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. इन लोगों ने रैक लोडिंग का काम बाधित कर रखा है.
इसीएल के कार्मिक निदेशक ने बिहार सरकार से रैक लोडिंग शुरू कराने में मदद करने की मांग की थी. सोमवार को एसडीपीओ रामानंद कौशल के निर्देश पर अंचल पुलिस निरीक्षक जेपी ठाकुर, पीरपैंती थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, ईशीपुर, बुद्धुचक, शिवनारायणपुर व एकचारी थाना के पुलिस पदाधिकारी कोल डंप पहुंचे.
पदाधकारियों ने मजदूरों को राष्ट्रहित में रैक लोडिंग होने देने का आग्रह किया. इस बीच इसीएल प्रबंधन के अनुराेध पर रेलवे ने कोलडंप पर शाम 5:05 बजे रैक आ गयी. रात करीब आठ बजे तक भी मजदूर अपनी जिद पर अड़े रहे, तो पदाधिकारी वापस लौट गये. पीरपैंती के थानाध्यक्ष ने बताया कि बुधवार को फिर से रैक लोडिंग कराने का प्रयास किया जायेगा. वार्ता में शामिल मजदूर प्रतिनिध शंभु शरण यादव, छविनाथ, जामुन तांती, शखीचंद ठाकुर आदि ने कहा कि जब तक ट्रांसपोर्ट प्रबंधन उन लोगों की उपस्थिति कर्मी के अनुसार बना कर मजदूरी भुगतान बैंक के माध्यम से नहीं करता है,
तब तक आंदोलन जारी रहेगा. प्रशासन चाहे तो उन लोगों को रौंद कर रैक लोड कराये. डिपो प्रबंधन ने श्रम मंत्रालय का पत्र दिखाया जिसमें मजदूरों द्वारा दायर स्थायीकरण की मांग को साक्ष्य के अभाव में निरस्त करने की बात सेक्सन अधिकारी एमके सिंह द्वारा वर्णित है.
पांच अप्रैल से फरक्काव व कहलगांव को बंद हो रही कोयला आपूर्ति
ईसीएल के डंपिंग यार्ड व स्थानीय कोल डंप में है कोयले का अंबार
अपनी मांगों पर अड़े मजदूरों ने कहा, हमें रौंद कर ही कर सकेंगे लोडिंग
आज फिर होगा रैक लोड कराने का प्रयास
रैक लोड नहीं होने पर इसीएल को देना होगा डेमरेज
रेलवे द्वारा भेजी गयी रैक को अगर पांच घंटे में लोड कर रवाना नहीं किया जायेगा तो इसीएल को सात हजार रुपये की दर से डेमरेज देना होगा. ऐसे भी गत पांच अप्रैल से रैक लोडिंग बंद होने से रेलवे को प्रतिदिन 15-20 लाख रुपये का नुकसान होने की आशंका है. कोयला ढुलाई में लगे करीब दो सौ डंपर मालिकों की भी हालत खस्ता है.
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