भागलपुर: प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम के आदेश-निर्देश बैठकों व निरीक्षण तक ही सीमित रह जाती है. शहर की यातायात व्यवस्था से लेकर पीडीएस डीलरों के लिए खाद्यान्न उठाव में सुधार के लिए आयुक्त ने कई निर्देश दिये, लेकिन यह निर्देश केवल बैठकों व कागजों तक ही सीमित होकर रह गये. संबंधित पदाधिकारियों द्वारा अब तक उनके निर्देशों पर समुचित कदम नहीं उठाये गये और न ही व्यवस्था में किसी प्रकार का परिवर्तन ही हो पाया.
प्रमंडलीय आयुक्त श्री आलम ने शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें की. बैठकों में ऑटो स्टैंड चिह्न्ति करने व उन्हें शुरू करने के संबंध में कई निर्णय भी लिये गये. ऑटो स्टैंड के लिए सदर एसडीओ व नगर डीएसपी के नेतृत्व में टीम भी गठित की गयी, लेकिन ऑटो स्टैंड चिह्न्ति होने के आगे इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पायी.
पिछले महीने हुई बैठक के दौरान आयुक्त ने चिह्न्ति ऑटो स्टैंड को चालू करने का निर्देश दिया था. अब तक एक भी ऑटो स्टैंड चालू नहीं हो पाया. अभी भी चौक-चौराहों पर ऑटो चालक बेतरतीब ढंग से ऑटो खड़ा कर सवारियों को चढ़ाते-उतारते हैं. इसके अलावा आयुक्त श्री आलम ने मई माह पीडीएस डीलरों के लिए होने वाले खाद्यान्न उठाव में गड़बड़ी की शिकायत पर एसएफसी व एफसीआइ का गोदाम का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान एफसीआइ गोदाम में सड़े हुए खाद्यान्न का बढ़िया खाद्यान्न में मिलावट का भंडाफोड़ हुआ था.
इस पर आयुक्त ने एफसीआइ के वरीय पदाधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा था, लेकिन इस दिशा में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके अलावा उन्होंने एसएफसी गोदाम से बगैर वजन के खाद्यान्न वितरित करने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए हर हाल में तौल कर खाद्यान्न देने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी भी गोदाम से पीडीएस डीलरों को औसत के आधार पर ही खाद्यान्न दिया जाता है. हालांकि उनके द्वारा प्रखंडों में किये गये निरीक्षण व मनरेगा एवं इंदिरा आवास में पकड़ी गयी गड़बड़ी को लेकर दिये गये आदेश पर कार्रवाई भी हुई और कर्मचारियों के वेतन बंद होने के साथ-साथ तबादला व निलंबन की कार्रवाई भी हुई है.