नयी जलमीनार नहीं बनेगी
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निर्देश . शहर में अब सीधे घरों में होगी पानी की सप्लाई
नयी जलमीनार नहीं बनेगी अब शहरी क्षेत्र में जलमीनार के लिए कोई नयी योजना नहीं आयेगी. जिन जलमीनारों के लिए अब तक प्रक्रिया चल रही है, उन्हीं का निर्माण होगा. नयी जलमीनार नहीं बनायी जायेगी. इस संदर्भ में सरकार का निर्देश नगर निगम को भेजा गया है. नगर विकास विभाग ने नगर निगम को भेजा […]
अब शहरी क्षेत्र में जलमीनार के लिए कोई नयी योजना नहीं आयेगी. जिन जलमीनारों के लिए अब तक प्रक्रिया चल रही है, उन्हीं का निर्माण होगा. नयी जलमीनार नहीं बनायी जायेगी. इस संदर्भ में सरकार का निर्देश नगर निगम को भेजा गया है.
नगर विकास विभाग ने नगर निगम को भेजा निर्देश
शहर में 525 करोड़ की जलापूर्ति योजना है स्वीकृत
सरकार ने शहर के जल संकट को देखते हुए 525 करोड़ की योजना स्वीकृत की है. इस योजना के तहत पैन इंडिया एजेंसी द्वारा पहले चरण के 289 करोड़ की राशि से पाइप लाइन और जल मीनार बनाने की योजना है. इसके लिए एजेंसी द्वारा काम भी शुरू कर दिया गया है. इस योजना में शहरी क्षेत्र में 19 जलमीनार बनने हैं. इसके लिए बरारी हाउसिंग बोर्ड में एजेंसी द्वारा मिट्टी खुदाई का काम कराया गया है.
16 हजार है वाटर कनेक्शन
निगम क्षेत्र में छह लाख जनसंख्या वाले शहर में मात्र 16 हजार लोगों के पास वाटर कनेक्शन है. बचे लोगों में कुछ सबमरसिबल, तो कुछ जेट पंप के सहारे अपने घर में पानी लाते हैं. जो गरीब लोग हैं वो निगम के जनता नल पर निर्भर रहते हैं.
इस तरह की योजना है और नगर विकास विभाग की ओर से निर्देश आया है तो योजना पर अमल किया जायेगा. इस योजना की पूरी जानकारी प्राप्त कर विभाग के निर्देशानुसार काम किया जायेगा.
अवनीश कुमार सिंह, नगर आयुक्त
धर जलापूर्ति योजना पर भागलपुर से पटना तक आक्रोश
शहर की करोड़ों की जलापूर्ति योजना पर ठीक ढंग से काम नहीं करने का मामला सोमवार को नगर निगम से पटना तक छाया रहा. इस जलापूर्ति योजना का ठेका लिये पैन इंडिया के जीएम व पीआरओ का पुतला फूंका गया. मेयर से लेकर पार्षदों ने पैन इंडिया की कार्यप्रणाली पर आक्रोश व्यक्त किया. दूसरी तरफ डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर पटना में नगर विकास मंत्री और प्रधान सचिव से मिली. उन्होंने इस मामले में कार्रवाई की मांग की.
भागलपुर : सरकार ने अब शहर के सभी घरों में सप्लाई का पानी पहुंचाने की योजना बनायी है. इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए सरकार के नगर विकास विभाग की ओर से निर्देश भी दिये गये हैं. हर घर में पानी जलमीनार द्वारा नहीं सीधे पाइप से जायेगा. सरकार के नगर विकास विभाग ने कहा है कि भविष्य में ली जानेवाली योजनाओं में जलमीनार आधारित योजना के स्थान पर सीधे सप्लाइ आधारित योजना बनायी जाये.
इसके लिए छोटे-छोटे जोन का गठन किया जाये. यह योजना मुख्यमंत्री के सात निश्चयों में से एक है. इसकी कार्य योजना भी जल्द तैयार करने को कहा गया है. इस योजना से अगर हर घर में पाइप द्वारा सरकार पानी सप्लाई करती है तो बहुत हद तक जमीन से पानी का दोहन कम हो जायेगा. विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश जारी किया है.
हर दिन चाहिए सौ लाख, मिल रहा 38 लाख गैलन पानी : शहर की आबादी लगभग छह लाख से अधिक है. हर दिन शहर के लोगों को सौ लाख गैलन पानी चाहिए और मिल रहा है मात्र 38 लाख गैलन ही. उसमें भी वर्तमान में इतना पानी मिल ही नहीं रहा है. अभी 20 से 25 लाख गैलन ही वाटर वर्क्स से पानी सप्लाई हो रहा है. और जो पानी सप्लाई हो रहा है वह गंगा के मुख्य धार का पानी नहीं है.
सात में से छह जलमीनार बंद : वर्तमान में निगम क्षेत्र में सात जल मीनार हैं. इनमें से सीटीएस, गोशाला, सिकंदरपुर और इशाकचक का जलमीनार बंद है. तीन जलमीनार घंटाघर, हाउसिंग बोर्ड और मानिकपुर से पानी की सप्लाइ होती है. एक जल मीनार की क्षमता पचास हजार गैलन की है.
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