भागलपुर : सियासत करने के लिए समाज को बांटना लक्ष्य नहीं है, बल्कि आपसी सद्भाव का पैगाम देना है. लेकिन राजनीतिक पार्टियां अपने स्वार्थ को पाने के लिए समाज को बांट रही है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह देश गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है. ये बातें भारतीय एकता मंच पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक शाह फखरे आलम हसन ने रविवार को बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता का प्रतीक रही है.
हिंदू, मुसलिम सहित अन्य मजहब के लोगों ने मिल कर देश को अंगरेजों से आजाद कराया. यूपी में होनेवाले चुनाव में एकता मंच सेक्यूलर पार्टी के साथ है. यूपी में मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में उपयोग किया जाता रहा है. एकता मंच उसी पार्टी को समर्थन देगा, जो अपने वादे को निभाये. मुसलमानों की विडंबना रही है कि उनको पहले कांग्रेस और अब दूसरी पार्टी ठगने का काम कर रही है. बिहार की तर्ज पर यूपी में भी चुनाव हो. नीतीश व लालू के महागंठबंधन ने फिरकापरस्त ताकतों को परास्त किया.
उसी तरह मुलायम, मायावती और दूसरी सेक्यूलर पार्टी का महागंठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ा जाये. पार्टी का लक्ष्य है कि सेक्यूलर ताकत कमजोर नहीं हो. इसके लिए भारतीय एकता मंच पार्टी देश स्तर पर मानवता व सद्भाव को लेकर कई कार्यक्रम चला रही है. लोगों को बताया जा रहा है कि पार्टी को सियासत व गद्दी का लालच नहीं है, बल्कि अच्छे काम व सद्भाव का पैगाम देने का काम कर रही है. हसन ने बताया कि मंच देश भर में सभी समाज के गरीब लोगों के लिए स्वास्थ्य व शिक्षा पर आधारित कई कार्यक्रम चला रहा है. शाह फखरे आलम हसन ने अपनी तालीम देश की नामचीन संस्था के अलावा मदिना व मक्का से भी प्राप्त की है. कई भाषा पर उनकी पकड़ है.