सबौर ग्रिड में स्थापित पावर ट्रांसफॉर्मर के टेस्टिंग को लेकर बंद रही भागलपुर-टू और गोराडीह उपकेंद्र की बिजली
स्टेशन चौक से लेकर कजरैली तक और गोराडीह की बिजली तीन घंटे रही प्रभावित
भागलपुर : केंद्रीय प्रक्षेत्र से बिजली लेने और आपूर्ति करने के मामले में कहलगांव की क्षमता बढ़ कर 140 मेगावाट हो गयी. ग्रिड में स्थापित 50 एमबीए के नये ट्रांसफर पर सोमवार को लोड डाला गया. पहले इसकी क्षमता 90 मेगावाट तक थी और आपूर्ति 72 मेगावाट तक होती थी. अब आपूर्ति 100 से 112 मेगावाट तक हो सकती है.
पावर ट्रांसफॉर्मर पर लोड देने के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 3.20 बजे तक कहलगांव और आसपास इलाके की बिजली बंद रही. केवल एक पावर ट्रांसफॉर्मर से 12 मेगावाट तक ही आपूर्ति होती रही, जिससे कई मुहल्ले में रोटेशन पर बिजली मिली. दूसरी ओर सबौर ग्रिड की क्षमता बढ़ाने को लेकर 50 एमबीए का पावर ट्रांसफॉर्मर स्थापित किया गया है.
इसकी टेस्टिंग और कमिशनिंग का काम चल रहा है. इस क्रम में सोमवार को आपूर्ति लाइन भागलपुर-टू और गोराडीह विद्युत उपकेंद्र की बिजली दोपहर 1.05 बजे से दोपहर 3.45 बजे तक बिजली बंद रही. इस वजह से स्टेशन चौक से लेकर कजरैली तक और पूरे गोराडीह की बिजली बंद रही. अधिकारी के मुताबिक कहलगांव की क्षमता बढ़ गयी है और केवल भागलपुर की क्षमता बढ़ना बाकी रह गया है.
अगले 10 दिन के अंदर स्थापित नये 50 एमबीए के ट्रांसफॉर्मर पर लोड डाल दिया जायेगा और इसकी क्षमता बढ़ जायेगी. सबौर ग्रिड की क्षमता 150 मेगावाट तक हो जायेगी, जिससे 105 मेगावाट तक आपूर्ति हो सकती है. वर्तमान में सबौर ग्रिड की क्षमता 100 मेगावाट है, जिससे अधिकतम 70 मेगावाट तक बिजली आपूर्ति हो सकती है.
शहर की जर्जर लाइन से परेशानी
अंदरुनी शहर की जर्जर लाइन दुरुस्त हो जाये, तो उपभोक्ताओं को बिजली संकट झेलना नहीं पड़ेगा. मगर, फ्रेंचाइजी कंपनी प्लानिंग के बाद भी अंजाम तक पहुंच नहीं पा रही है. मेंटेनेंस के नाम पर केवल पेड़ की टहिनयां को काटने का काम कराया है, जिससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. लाइन ब्रेक डाउन हो रही है, तो जंफर कट रहा है.