भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रभार के बलबूते चल रहा है. स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए राजभवन में प्रक्रिया तो चल रही है, लेकिन स्थायी परीक्षा नियंत्रक, कॉलेज निरीक्षक व प्राचार्य के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है.
विश्वविद्यालय के 22 कॉलेजों को प्रभारी प्राचार्य के बलबूते चलाया जा रहा है. स्थायी परीक्षा नियंत्रक वर्ष 2011 के बाद नियुक्त ही नहीं किये गये. वर्ष 2010-11 में परीक्षा नियंत्रक के रूप में डॉ अरुण कुमार नियुक्त किये गये, लेकिन वे भी बीआरए विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर चले गये. उनके बाद से आज तक परीक्षा नियंत्रक के पद को कोई न कोई शिक्षक संभालते आ रहे हैं. नतीजतन छात्र-छात्राएं कभी रिजल्ट, तो कभी परीक्षा की समस्या ङोलतेरहे हैं.
अब तक 22 कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य का पद रिक्त है, जिसे प्रभारी प्राचार्य संभाल रहे हैं. फरवरी 2012 में छात्र संघ चुनाव कराने का विश्वविद्यालय ने निर्णय लिया था. इसके लिए इस साल मतदाता सूची बनाने का काम प्रभारी प्राचार्यो को सौंपा गया. अब तक मतदाता सूची बन कर तैयार नहीं हो सकी है. जानकार मानते हैं कि स्थायी परीक्षा नियंत्रक नहीं रहने के कारण सत्र नियमित नहीं हो पा रहा है. सत्र विलंब होने के कारण वर्षो एक ही वर्ग में छात्र रह जाते हैं. अब तक स्नातक की परीक्षाएं पूरी नहीं हो पायी हैं. अगले साल जनवरी से पहले रिजल्ट प्रकाशित होने की कोई संभावना नहीं दिख रही.