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जानना चाह रहा था ”टीएमबीयू”, आखिर हुआ क्या

भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रोक्टर डॉ विलक्षण रविदास को हिरासत में लेने के मामले में शुरू में किसी को समझ में नहीं आ रहा था. हिरासत में लेने के बाद से ही टीएमबीयू का इलाका यह जानने को बेताब हो गया कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि डॉ रविदास को पुलिस ले […]

भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रोक्टर डॉ विलक्षण रविदास को हिरासत में लेने के मामले में शुरू में किसी को समझ में नहीं आ रहा था. हिरासत में लेने के बाद से ही टीएमबीयू का इलाका यह जानने को बेताब हो गया कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि डॉ रविदास को पुलिस ले गयी. मोबाइल की घंटी बजने लगी. लोग एक-दूसरे से जानने के लिए संपर्क करने लगे कि इसकी वजह क्या है. वेलफेयर होस्टल नंबर दो में जब पुलिस पहुंची, तो कई छात्र संगठनों के नेता, छात्र वहां पहुंच गये. बावजूद इसके हिरासत में लेने का कारण पता नहीं चला,

तो छात्र संगठनों के वर्तमान और पूर्व नेता, शिक्षक, विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, छात्र विश्वविद्यालय थाना पहुंच गये. यहां डॉ रविदास, मुरारका कॉलेज के अतिथि व्याख्याता कपिलदेव मंडल व होस्टल के दरबान को रखा गया था. यहां पहुंचे लोग पुलिस पर यह बताने के लिए दबाव बनाने लगे कि आखिर दोनों शिक्षकों को क्यों पकड़ा गया है. उनसे मिलवाया जाये और बात करायी जाये. टीएमबीयू के डीएसडब्ल्यू डॉ उपेंद्र साह, टीएनबी कॉलेज के हिंदी विभाग के शिक्षक प्रो योगेंद्र, पीजी फिजिक्स विभाग के शिक्षक डॉ जगधर मंडल के अलावा कई छात्र नेता और छात्र पहुंचे हुए थे. प्रो योगेंद्र ने बताया कि वे लोग सिर्फ यह जानना चाह रहे थे कि एक बार डॉ रविदास से मुलाकात हो जाये ताकि आश्वस्त हो जायें कि बात क्या है.

पुलिस कहने लगी कि एसएसपी आयेंगे, तो मुलाकात भी करा दी जायेगी. उन्होंने बताया कि 10 मिनट में मिलाने की बात कही, लेकिन एसएसपी के आने के करीब डेढ़ घंटे बाद पांच लोगों को अंदर बुलाया गया. अंदर गये, तो एक आदमी को डॉ रविदास से मिलने की अनुमति मिली. सबने मिल कर तय किया कि डीएसडब्ल्यू डॉ साह मिलने जायेंगे. डॉ साह मिलने गये और वे बाहर निकले, तो बताया कि जिसकी गिरफ्तारी हुई है, उसने डॉ रविदास का नाम लिया है.

इस कारण डॉ रविदास को पूछताछ के लिए रखा गया है. डीएसडब्ल्यू के हवाले से प्रो योगेंद्र ने यह भी बताया कि हथियार के साथ डॉ रविदास के पकड़े जाने की बात बेबुनियाद थी. इस दौरान बाहर छात्र हंगामा करने लगे थे. इसके बाद पुलिस की गाड़ी से डॉ रविदास को उनके घर पर छोड़ा गया. प्रो योगेंद्र ने बताया कि वे डॉ रविदास से मिलने उनके घर पर भी गये और उनसे बातचीत की. डॉ रविदास ने उनसे कहा कि वे आंबेडकर की राह पर चल रहे हैं. ऐसी-वैसी बातों से उन्हें कोई मतलब नहीं है. पुलिस को जितनी मदद चाहिए, वह करेंगे.

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