स्वास्थ्य मंत्रालय को 19 को सौंपेंगे मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट : प्राचार्य-एमसीआइ की सिफारिश के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल काॅलेज से मांगी है अपडेट रिपोर्ट- प्राचार्य 19 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्रालय को मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी व इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में देंगे रिपोर्ट – एमसीआइ ने जेएलएनएमसीएच में एमबीबीएस सीटों को 100 से घटा कर 50 कर देने की सिफारिश की है संवाददाताभागलपुर :भारतीय चिकित्सा परिषद ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सिफारिश की है कि जेएलएनएमसीएच में एमबीबीएस का नामांकन 100 सीटों की जगह 50 सीटों पर ही किया जाये, क्याेंकि 100 सीटों के हिसाब से कॉलेज में फैकल्टी व इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. इसी रिपोर्ट के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से फैकल्टी व इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में अपडेट रिपोर्ट मांगी है. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य अर्जुन कुमार सिंह ने बताया कि फैकल्टी व इंफ्रास्ट्रक्चर की पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली गयी है. इस रिपोर्ट को 19 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्रालय, दिल्ली को सौंपी जानी है. मेडिकल कॉलेज में काफी संख्या में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर का पद खाली है, जिस कारण मेडिकल की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. सालों से असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रोन्नति देकर एसोसिएट प्रोफेसर नहीं किया गया है और न ही एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर पद पर प्रोन्नत किया गया है. करीब दो दर्जन प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के पद खाली मेडिकल कॉलेज में करीब दो दर्जन प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के पद खाली पड़े हैं. अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि सर्जरी विभाग में एक प्रोफेसर और तीन एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग में एक प्रोफेसर और एक एसाेसिएट प्रोफेसर, शिशु रोग विभाग में एक प्रोफेसर और एक एसाेसिएट प्रोफेसर,गायनी विभाग में दो एसोसिएट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर, हड्डी विभाग में एक प्रोफेसर और एक एसाेसिएट प्रोफेसर, रेडियोलॉजी विभाग में एक प्रोफेसर और एक एसाेसिएट प्रोफेसर, ऐनेथेसिया विभाग में एक प्रोफेसर और दो एसाेसिएट प्रोफेसर, आंख विभाग में एक प्राेफेसर और इएनटी विभाग में एक प्रोफेसर और एक एसाेसिएट प्रोफेसर के पद खाली पड़े हैं. मानक के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमीजेएलएनएमसीएच में एमआरडी सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसके तहत आउटडोर, इनडोर व इमरजेंसी वार्ड समेत सभी विभागों का कंप्यूटराइजेशन होना है. इसके अलावा आइसीडी-10 यानी इंटरनेशनल क्लासीफिकेशन ऑफ डिजिज-10 वर्जन की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. वैसे यह सुविधा बिहार के किसी मेडिकल काॅलेज में उपलब्ध नहीं है. छात्रों के लिए अलग-अलग विभागों में लाइब्रेरी की सुविधा नहीं है. मेडिकल लाइब्रेरी में अंतर्राष्ट्रीय जर्नल व पत्रिका व किताबों की भी भारी कमी है. मेडिसिन, गायनी, आर्थो, मनोरोग आदि विभागों में मेल व फिमेल के लिए अलग-अलग वार्ड नहीं है. इसके अलावा वार्ड में सीएसएसडी सिस्टम की सुविधा नहीं है. इसके तहत वार्ड से कचरा निकालने व ले जाने के लिए अलग-अलग रास्ता होता है. इसके अलावा रेजिडेंट डॉक्टर के लिए हॉस्टल नहीं है. वर्तमान में 12 क्वार्टर है. ओपीडी में एएनसी मशीन की सुविधा नहीं है. इस मशीन से कैंसर रोगियों की पहचान की जाती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय को 19 को सौंपेंगे मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट : प्राचार्य
स्वास्थ्य मंत्रालय को 19 को सौंपेंगे मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट : प्राचार्य-एमसीआइ की सिफारिश के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल काॅलेज से मांगी है अपडेट रिपोर्ट- प्राचार्य 19 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्रालय को मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी व इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में देंगे रिपोर्ट – एमसीआइ ने जेएलएनएमसीएच में एमबीबीएस सीटों को 100 से घटा […]
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