भागलपुर : एक ओर जहां सभी सरकारी स्कूलों में पोशाक राशि का वितरण हो चुका है, लेकिन कपड़ा कारोबारी का कहना है कि उन्हें अभी भी स्कूल पोशाक ग्राहकों का इंतजार है. कारोबारियों के अनुसार इससे पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार प्रभावित हो गया.
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सरकारी स्कूल यूनिफॉर्म के कारोबार का इंतजार कर रहे व्यवसायी
भागलपुर : एक ओर जहां सभी सरकारी स्कूलों में पोशाक राशि का वितरण हो चुका है, लेकिन कपड़ा कारोबारी का कहना है कि उन्हें अभी भी स्कूल पोशाक ग्राहकों का इंतजार है. कारोबारियों के अनुसार इससे पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार प्रभावित हो गया. दूर तक फैला है व्यापार क्षेत्र : भागलपुर बाजार का […]
दूर तक फैला है व्यापार क्षेत्र : भागलपुर बाजार का क्षेत्र पाकुड़, साहेबगंज, दुमका, गोड्डा, देवघर, बांका, जमुई, खगड़िया, नवगछिया, कहलगांव आदि तक फैला हुआ है. इन क्षेत्रों में भागलपुर के थोक बाजार से कपड़ा सप्लाइ होती है. भागलपुर में 400 से अधिक कपड़े की दुकान है. इसमें 200 से अधिक दुकानों से स्कूल यूनिफॉर्म का कारोबार होता है.
थोक कपड़ा कारोबारी विवेक केडिया बताते हैं कि पहले एक दिन में एक थोक कारोबारी पांच से 10 लाख रुपये का बेच लेता था. दिसंबर में बच्चों को पैसा मिलता था. इसके बाद 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक कपड़े का कारोबार रहता था. पांच करोड़ से अधिक का कारोबार हो जाता था. इस बार एक-दो बच्चे ही स्कूल यूनिफॉर्म लेने आ रहे हैं. दूसरे कपड़ा दुकानदार विशाल बुधिया ने इस बार मालूम नहीं क्यों स्कूल यूनिफॉर्म की बिक्री नहीं हो रही है.
मिल चुकी है पोशाक राशि : राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों के बच्चों को स्कूली पोशाक के लिए पैसा हरेक वर्ष मिलने का प्रावधान है. जानकारी के अनुसार इस बार भी पोशाक राशि का वितरण हो चुका है. स्कूलों से उपयोगिता प्रमाणपत्र विभाग को नहीं सौंपा गया है. यह भी हो सकता है कि बच्चों के अभिभावक उनके लिए मिली राशि को अन्य कार्यों में खर्च कर दिये हों.
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