ट्रेनों के मुकाबले छोटे हैं भागलपुर के प्लेटफॉर्महाल भागलपुर जंक्शन का24 कोच के लायक केवल प्लेटफार्म संख्या एक और चारसंवाददाता, भागलपुरमालदा रेल डिविजन का सबसे ज्यादा कमाई करने वाला भागलपुर स्टेशन है और इसे ए-1 श्रेणी का दर्जा भी मिला हुआ है. फिर भी कई मामलों में इसे उपेक्षित करके रखा गया है. यहां ट्रेनों के सामने प्लेटफॉर्म बौना पड़ गया है. 24 कोच की ट्रेनों के लायक केवल प्लेटफॉर्म संख्या एक और चार है. बाकी के प्लेटफॉर्म संख्या दो, तीन, पांच और छह 24 कोच की लंबाई जितनी नहीं है. ऐसे में 24 कोच वाली ट्रेनें केवल एक और चार पर ही ठहराव होता है. पहले से अगर कोई ट्रेन लगी है, तो ऑउटर पर रोक दिया जाता है. कभी-कभार ठहराव अन्य प्लेटफॉर्मों पर होता है, तो यात्रियों की परेशानी शुरू हो जाती है. प्लेटफॉर्म से बाहर कोच लगता है. यात्रियों को ट्रेन से उतरने में असुविधा होती है. यात्रियों की भीड़ के सामने ट्रेनों में कम पड़े कोचभागलपुर से रवाना होनेवाली विक्रमशिला, सूरत व जम्मूतवी को छोड़ अन्य सभी ट्रेनों में कोच की संख्या कम है. इससे यात्रियों को परेशानी होती है. यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण उन्हें लटक कर यात्रा करने को मजबूर होना पड़ता है. आंखों देखा हाल वनांचल एक्सप्रेस : कोच की संख्या कम, लटक कर हुई यात्रा वनांचल एक्सप्रेस यात्रियों से भरी थी. रवाना होने के लिए जैसे ही सिटी बजी, वैसे ही काफी संख्या में यात्री ट्रेन कोच के गेट पर पहुंच गये और प्रवेश को लेकर अफरातफरी मच गयी. यह स्थिति अधिकतर कोचों की थी. कई यात्रियों के लिए प्रवेश करना नामुमकिन हो गया. नतीजा, मजबूरन यात्रियों पकड़ कर रेल सफर की शुरुआत की. वहीं जो यात्री दौड़ कर ट्रेन पकड़ने की कोशिश की, उन्हें भी पायदान पकड़ कर ही लटकना पड़ा. दरअसल, वनांचल एक्सप्रेस 14 कोच की ट्रेन है. नौ ट्रेनों में कम है कोच की संख्या भागलपुर से खुलनेवाली तकरीबन नौ जोड़ी ट्रेनों में कोच की संख्या कम है. अधिकतम 24 कोच की संख्या निर्धारित है. मगर, वनांचल में सात, लोकमान्य तिलक में एक, अजमेर शरीफ में दो, यशवंतपुर में दो, गरीब रथ में छह, जनसेवा में 12, वनांचल में 10, रांची में 12, साप्ताहिक एक्सप्रेस में दो कोच बढ़ाने की जरूरत महसूस होने लगी है. नाम जनसेवा एक्सप्रेस, पर ठूंसे रहते हैं यात्री भागलपुर से मुजफ्फरपुर को जाने वाली ट्रेन का नाम जनसेवा एक्सप्रेस है और यह मुजफ्फरपुर के लिए इकलौती ट्रेन है. ट्रेन में अक्सर भीड़ रहती है. लेकिन, यात्रियों के लिए कोच की संख्या आधी है. केवल 12 कोच रहने से रोजाना यात्रियों को सफर के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ये हैं कारण कोच नहीं बढ़ाने के-जहां तक जाती है ट्रेन, वहां मेंटेनेंस की जगह नहीं रहती है. -कई स्टेशनों के प्लेटफॉर्म का विस्तारीकरण का नहीं होना -रेलवे की नजर में यात्रियों के कोच की संख्या पर्याप्त रहना किस ट्रेन में कितनी संख्या में है कोच -भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी : 17 -भागललपुर लोकमान्य तिलक : 23-भागलपुर-सूरत : 24-विक्रमशिला : 24-भागलपुर-अजमेर : 22-भागलपुर यशवंतपुर (साप्ताहिक) : 22-गरीब रथ : 18-भागलपुर-मुजफ्फरपुर (जनसेवा) : 12-भागलपुर-रांची : 12-वनांचल : 14-भागलपुर-न्यू दिल्ली (साप्ताहिक) : 22-भागलपुर-बरौनी जंक्शन- जम्मूतवी : 24 ट्रेनों के कोच की लंबाई जितनी प्लेटफॉर्म प्लेटफॉर्म-एक : 24 कोच प्लेटफॉर्म-दो : 20 कोच प्लेटफॉर्म-तीन : 20 कोच प्लेटफॉर्म-चार : 24 कोच प्लेटफॉर्म-पांच : 17 कोच प्लेटफॉर्म-छह : 10 कोच
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ट्रेनों के मुकाबले छोटे हैं भागलपुर के प्लेटफॉर्म
ट्रेनों के मुकाबले छोटे हैं भागलपुर के प्लेटफॉर्महाल भागलपुर जंक्शन का24 कोच के लायक केवल प्लेटफार्म संख्या एक और चारसंवाददाता, भागलपुरमालदा रेल डिविजन का सबसे ज्यादा कमाई करने वाला भागलपुर स्टेशन है और इसे ए-1 श्रेणी का दर्जा भी मिला हुआ है. फिर भी कई मामलों में इसे उपेक्षित करके रखा गया है. यहां ट्रेनों […]
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