30.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वक्रिमशिला सेतु एप्रोच पथ : तीन डेट फेल, फरवरी में भी सड़क बनना संशय

विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ : तीन डेट फेल, फरवरी में भी सड़क बनना संशय -पहले भी सड़क निर्माण के कार्य को लेकर मंत्री कर चुके कई दावे, मगर सड़क नहीं बनी संवाददाता, भागलपुर विक्रमशिला सेतु एप्रोच रोड बनाने की जिम्मेदारी जब से बेगूसराय के ब्रॉड वे लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड को मिली है, तब से लेकर […]

विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ : तीन डेट फेल, फरवरी में भी सड़क बनना संशय -पहले भी सड़क निर्माण के कार्य को लेकर मंत्री कर चुके कई दावे, मगर सड़क नहीं बनी संवाददाता, भागलपुर विक्रमशिला सेतु एप्रोच रोड बनाने की जिम्मेदारी जब से बेगूसराय के ब्रॉड वे लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड को मिली है, तब से लेकर अबतक इस पथ के निर्माण की तीन तिथियां फेल हाे चुकी हैं. अब फरवरी में सड़क बनने का दावा किया गया है. यह दावा जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक में जल संसाधन मंत्री और प्रभारी मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने किया है. फरवरी में भी सड़क बनेगी या नहीं, इस पर संशय है, क्योंकि शहरी क्षेत्र में पड़नेवाले करीब एक किमी हिस्से में केवल चौड़ीकरण और डिवाइडर का ही निर्माण हो सका है. पूरी सड़क बननी बाकी है. सड़क बनने के साथ-साथ मनोराम दृश्य से संबंधित कार्य भी होना है. फोरलेन सड़क बननी है. भारी ट्रैफिक और अधिकतम कार्य कि वजह से डेढ़ माह में सड़क बन कर तैयार होना संभव नहीं लग रहा है. ऐसे भी राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह पथ निर्माण मंत्री थे, तो इस सड़क को लेकर वर्ष 2014 में कई दावे किये थे, मगर दावा फेल हो गया था. मंत्री ने पहले के ठेकेदार साई इंजीकॉन से शपथ पत्र भरवाया था कि वे 31 दिसंबर 2014 तक में सड़क बना कर तैयार करें. इसके बावजूद सड़क नहीं बन सकी थी. इसके बाद बेगूसराय की कंपनी को सड़क बनाने की जिम्मेदारी फरवरी 2015 के बाद मिली है. उन्हें 14 मई से 13 अक्तूबर के बीच काम पूरा करना था. निर्धारित तिथ 13 अक्तूबर को सड़क नहीं बन सकी, तो दिसंबर तक का समय मिला. इसके बाद भी कंपनी ने काम पूरा नहीं किया. इसके बाद उन्हें जनवरी तक का समय मिला. अब मंत्री खुद उन्हें फरवरी तक का समय दिया है. पूरा होने को है दो साल, फिर भी नहीं बन सकी सड़कविक्रमशिला एप्रोच रोड का निर्माण कार्य शुरू होने से दो साल पूरा होने जा रहा है. इसके बावजूद सड़क नहीं बन सकी है. पहले साई इंजीकॉन को सड़क बनाने की जिम्मेदारी मिली. उनकी ओर से निर्धारित समय पर काम शुरू किया गया. उन्हें 27 सितंबर 2014 तक में सड़क बनाना था. मगर फरवरी 2015 तक में सड़क नहीं बनी, तो उन्हें ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया. इस बीच विभागीय अधिकारी से लेकर मंत्री तक ने कई दावे किये, मगर सड़क नहीं बन सकी. इसके बाद बेगूसराय की कंपनी को जिम्मेदारी मिली है, मगर उनकी ओर से भी काम कम बहानेबाजी ज्यादा हो रही है. इस तरह से दो साल पूरा होने को हैं और सड़क निर्माण का कार्य अधूरा है.समय से नहीं बनी सड़क, तो डेढ़ गुणा बढ़ी लागत समय से सड़क नहीं बनने के कारण इस आने वाली लागत डेढ़ गुणा तक बढ़ गयी. दरअसल, सड़क निर्माण पर करीब 16.58 करोड़ ही खर्च होना था. करीब 13 करोड़ खर्च के बाद दोबारा टेंडर निकाला गया, जिसके प्राक्कलन में 10.68 करोड़ रुपये शामिल किया गया. यानी, दोबारा में 10.68 करोड़ से सड़क बन रही है. अगर पहले के ठेकेदार सड़क को बनाते, तो 3.58 करोड़ रुपये में सड़क बन जाती.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें