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समय बदलने का आदेश जारी, स्कूल को पता नहीं
भागलपुर : ठंड के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी सह जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने बुधवार को आदेश जारी किया कि सभी निजी व सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालय सुबह 9.30 बजे खुलेंगे. लेकिन इस आदेश के बारे में कई स्कूल प्रबंधन ने जानकारी नहीं होने की बात कही. स्कूल संचालकों का कहना था कि स्कूल खुलने के […]
भागलपुर : ठंड के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी सह जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने बुधवार को आदेश जारी किया कि सभी निजी व सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालय सुबह 9.30 बजे खुलेंगे. लेकिन इस आदेश के बारे में कई स्कूल प्रबंधन ने जानकारी नहीं होने की बात कही.
स्कूल संचालकों का कहना था कि स्कूल खुलने के समय में परिवर्तन होने के आदेश की जानकारी नहीं है. पत्र प्राप्त होगा, तो बदलाव कर दिया जायेगा. हालांकि कुछ स्कूल संचालकों का कहना था कि वे अपने स्कूल का समय शुक्रवार से बदलेंगे.
शहर का ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त
कैसे बनेगा स्मार्ट सिटी भागलपुर, पॉशमुहल्ले में पानी निकासी का उपाय नहीं
शहर के स्मार्ट सिटी होने की परिकल्पना साकार होने जा रही है. लेकिन यह विडंबना ही कही जायेगी कि दूसरी तरफ अभी शहर के कई पॉश इलाकों में ड्रेनेज सिस्टम है ही नहीं. कई जगह ड्रेनेज सिस्टम बिल्कुल ध्वस्त हो चुका है. घरों से निकला पानी कहां जाये, यह बड़ी समस्या हो गयी है.
खास कर नयी विकसित हो रहीं कॉलोनियों में तो पानी निकासी का नाला ही नहीं है. पानी घर के आसपास ही कहीं या रास्ते पर जमा हो जाता है. नाथनगर के कुंडी टोला में पानी निकासी नहीं होने से घर के अासपास महीनों से जलजमाव है. इस वजह से पीने का पानी तक गंदा निकलने लगा है. कई लोग बीमार रहने लगे हैं. बीमारी से लोगाें की मौत भी हुई है. जरूरत है इस पर संबंधित अधिकारी व प्रशासन को इस पर गंभीरता से सोचने की. शहर के ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम पर आज लालबाग कॉलोनी का हाल.
भागलपुर : एक ओर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है. स्मार्ट सिटी की फाइल दिल्ली भी चली गयी है. लेकिन दूसरी ओर शहर में जल निकासी के लिए नगर निगम की ओर से स्थायी ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं हो पायी है.
जिससे कई वार्ड के लोग परेशान हैं. शहर के पॉश मोहल्ले में गिना जानेवाला लालबाग कॉलोनी के लोग अपने घर का पानी नजदीकी खाली जगह में बहा रहे हैं. इसके कारण जगह-जगह जलजमाव की स्थिति सालों भर बनी रहती है. उससे सड़ांध निकलने व मच्छरों से लोग खासा परेशान हैं.
50 साल पुराना मुहल्ला, बारिश केदिन नरक-सी स्थिति : बारिश के दिनों में बारिश का पानी भी लोगों के घरों में चला जाता है.
कई बार वार्ड पार्षद ने भी जल निकासी के स्थायी निदान के लिए नगर निगम को कहा. लेकिन इसका स्थायी निदान हुआ. इस मोहल्ले को शहर का पॉश एरिया कहा जाता है. इसी वार्ड में मजिस्ट्रेट कॉलोनी भी है. वार्ड 32 में पड़ने वाला यह मोहल्ला लगभग 50 साल पुराना है. मोहल्ले के लोग स्थायी जल निकासी के लिए कई बार वार्ड पार्षद से भी कहा, लेकिन पार्षद करे भी तो क्या करे. निगम पार्षद की सुनता ही नहीं है.
बगैर नाला नहीं होगी वैकल्पिक व्यवस्था : वार्ड के लोग कहते हैं कि जल निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था यह है कि वार्ड में सभी घरों को नाला से जोड़ा जाये और उसे बगल के बड़े नाले से जोड़ा जाये. इसके बाद ही स्थायी निदान संभव है.
रेलवे की जमीन पर गिरता है पानी : जल निकासी के स्थायी निदान नहीं होने के कारण मोहल्ले के लोग रेलवे की जमीन पर घरों का पानी गिराते हैं. इन लोगों के पास स्थायी जल निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं है.
सबसे खराब स्थिति यह है इसी वार्ड के कृषि विभाग के बाहर की चहारदीवारी के पास नाला का पानी साल भर से जाम है. पानी जाम होने से स्थिति इतनी भयावह हो गयी है कि किसी भी समय महामारी की स्थिति बन सकती है.
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