भागलपुर: छात्रों पर लाठी चार्ज के विरोध में विभिन्न छात्र संगठनों सहित अन्य राजनीतिक दलों द्वारा आहूत भागलपुर बंद असरदार रहा. इस दौरान समर्थकों ने जम कर उत्पात मचाया. बंद समर्थकों ने करीब 50 से अधिक वाहनों में तोड़फोड़ की. बंद के दौरान सुबह से ही दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान आदि बंद रहे. सड़कों पर वाहन कम चले. बंद का असर बैंक, एटीएम, पेट्रोल पंप, सिनेमा हॉल आदि पर भी दिखा.
बंद समर्थकों ने विक्रमशिला एक्सप्रेस को रोक कर रेल परिचालन को भी बाधित कर दिया. इससे यात्री भड़क उठे. स्टेशन पर बंद समर्थकों से यात्रियों की नोक-झोंक हो गयी. डर से यात्रियों ने ट्रेन की खिड़की, दरवाजे बंद कर लिये. प्राइवेट बस स्टैंड में खड़ी करीब दो दर्जन यात्री बसों के शीशे भी बंद सर्मथकों ने तोड़ डाला और बस परिचालन बाधित कर दिया. इस दौरान बस के यात्री व कर्मचारियों से बंद समर्थकों की भिड़ंत हो गयी. दोनों पक्षों में जम कर मारपीट हुई. इसमें बंद समर्थक गौरव चौबे का सिर फूट गया. उनको गंभीर चोट आयी.
खलीफाबाग चौक के पास भागलपुर व्यवहार न्यायालय के जज की गाड़ी को भी बंद समर्थकों ने निशाना बनाया. गाड़ी का शीशा व पीली बत्ती तोड़ दिया. बंद समर्थकों ने मुख्य बाजार सूजागंज में भी कई दुकानों में तोड़फोड़ की. इसी दौरान सेल्स टैक्स विभाग द्वारा जब्त एक ट्रक में भी आग लग गयी. इस संबंध में कुछ लोगों का कहना है कि बंद समर्थकों ने आग लगा दी,जबकि अन्य का कहना था कि ट्रक के चालक व अन्य द्वारा खाना बनाने के क्रम में उसमें आग लगी. इस संबंध में समाचार लिखे जाने तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था.
दूसरी ओर बंद समर्थकों ने खलीफाबाग चौक, स्टेशन चौक, घंटाघर चौक, वेराइटी चौक समेत सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर टायर जला कर सड़क जाम कर दिया और आवागमन को पूरी तरह से ठप कर दिया. वहीं, तिलकामांझी विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग में चल रही एमसीए की परीक्षा में हंगामा करने के बाद वहां कई नेम प्लेट व अन्यसामग्री को समर्थकों ने तोड़ दिया. विश्वविद्यालय स्टेडियम में आयोजित खेलकूद समारोह के उदघाटन समारोह में भी पहुंच कर बंद समर्थक हंगामा करने लगे. वहां आयोजन के दौरान माइक फेंक दिया और टेबुल-कुरसी को तोड़ दिया. इस कारण उदघाटन समारोह भी नहीं हो सका. बंद का आह्वान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, आइसा, एक्टू, माले व छात्र समागम ने किया था. स्थानीय विधायक अश्विनी चौबे ने भी बंद का समर्थन किया था और बंद में भी वे शामिल हुए. विभिन्न छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.