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लाखों की नौकरियां छोड़ घर में पा ली ऊंचाई

लाखों की नौकरियां छोड़ घर में पा ली ऊंचाई-राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कंपनियों में हो रही थी पूछ, लेकिन अपने घर में उद्यम व व्यवसाय को स्थापित कर दूसरों को भी दे रहे रोजगार के अवसर-भागलपुर को व्यावसायिक हब के रूप में विकसित करने में जुटे हैं उच्च शिक्षा प्राप्त युवाफोटो नंबर : सिटीदीपक राव, भागलपुरराष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय […]

लाखों की नौकरियां छोड़ घर में पा ली ऊंचाई-राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कंपनियों में हो रही थी पूछ, लेकिन अपने घर में उद्यम व व्यवसाय को स्थापित कर दूसरों को भी दे रहे रोजगार के अवसर-भागलपुर को व्यावसायिक हब के रूप में विकसित करने में जुटे हैं उच्च शिक्षा प्राप्त युवाफोटो नंबर : सिटीदीपक राव, भागलपुरराष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों में पूछ हो रही थी. कई बड़ी कंपनियों ने इन्हें काम करने का अवसर भी दिया, लेकिन इन्होंने नौकरी करने से बेहतर खुद स्टार्टअप करने की सोची. पिछले दो-तीन वर्षों में इन्होंने ना सिर्फ अपने व्यवसाय को मुकाम दिया, बल्कि भागलपुर कई युवाओं को रोजगार भी प्रदान किया. नौकरी से अपने घर में मिल रहा है सुकूनयुवाओं का कहना है कि अपने घर में व्यवसाय व उद्यम को बढ़ावा देने का अपना ही मजा है. दूसरे की कंपनी में जितनी भी सुख-सुविधा मिल जाये, लेकिन अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने का मजा नहीं है. इससे एक नया हौसला मिलता है. इनका इरादा है कि अपने शहर में महानगरों की तरह व्यवसायिक हब तैयार कर सकेंगे. आधुनिक सुख-सुविधा व पैकेज भी बिना मेहनत किये नहीं मिलता. इसी मेहनत का इस्तेमाल अपने फर्म व संस्थान को बढ़ाने में करेंगे, तो घर के लोगों को बाहर का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा.मुंबई व बेंगलुरु में ली व्यावसायिक तालिमसराय के रहने वाले मानव केजरीवाल ने सिडम कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, मुंबई से बीकॉम की पढ़ाई की. बेगलुरु के नामी संस्थान आइआइपीएम से एमबीए की पढ़ाई कर फ्लोरेंस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में आठ लाख के पैकेज पर मार्केटिंग की नौकरी पायी. कुछ दिनों तक मार्केटिंग का अनुभव लेकर मानव ने अपने पिता टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष गिरधारी केजरीवाल के कपड़े के कारोबार में हाथ बंटाना शुरू किया और दो वर्ष में ही मुख्य बाजार के मुख्य मार्ग पर एक भव्य शोरूम खोला. फिर घर पर भी कपड़े के कारोबार को बढ़ाया. अब भागलपुर और कोलकाता दोनों स्थानों पर एक साथ कारोबार करने की तैयारी चल रही है. मानव का कहना है कि नौकरी में काम करना और अपना काम करना दोनों एक सा कभी नहीं हो सकता. हां नौकरी में अनुभव जरूर मिल जाता है. ———गौरव पेपर फर्म : 30 लोगों को दे रहे रोजगारखलीफाबाग चौक के अशोक बंसल के पुत्र गौरव बंसल ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वैश्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. पीसीएस टाटा कंसल्टेंसी में सात लाख के पैकेज पर 10 वर्ष पहले नौकरी की. स्वरोजगार की चाहत के कारण नौकरी में मन नहीं रम पाया. इस बीच एनएमआइएमएस, मुंबई से भी कॉल आया. गौरव ने बताया कि आठ वर्ष पहले कॉपी व रजिस्टर तैयार करने का फर्म शुरू किया, जो गौरव पेपर के नाम से चल रहा है. अब इतना कारोबार बढ़ चुका है कि इसमें 30 लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं.——– छोड़ दिया 10 लाख का पैकेजसूजागंज बाजार अंतर्गत सूतापट्टी में विमल एंड कंपनी के नाम से थोक कपड़ों के कारोबार को विवेक केडिया गति दे रहे हैं. विवेक ने बताया कि उन्होंने पूना में बालाजी कॉलेज ऑफ आर्ट्स, कॉमर्स एंड साइंस से बीबीए की पढ़ाई की. इसके बाद ही प्राइस वाटर हाउस, पूना में 10 लाख के पैकेज पर नौकरी मिल गयी. कुछ दिन काम किया, लेकिन मन नहीं रम पाया. यहां पर अनुभव लेकर अपने घर में अपने पिता विमल केडिया के कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं. कारोबार की गति धीमी पड़ रही थी, लेकिन अब अनुभव का लाभ मिल रहा है. अब भी पढ़ाई जारी रखी है और अभी सिंबायोसिस से एमबीए कर रहे हैं. अभी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 15 लोगों को रोजगार मिल रहा है. अभी यहां का कारोबार पाकुड़, साहेबगंज, दुमका, हसडीहा, बांका, जमालपुर, सुलतानगंज, नवगछिया आदि क्षेत्रों में फैला हुआ है. ————दिल्ली से की सीए की पढ़ाई, 20 लाख का पैकेज छोड़ चला रहे कंपनीबाल सुबोधिनी पाठशाला गली में सिल्कन सिल्क कपड़ा कारोबारी कुंजबिहारी झुनझुनवाला के पुत्र रतीश झुनझुनवाला ने दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आॅफ इंडिया से सीए की पढ़ाई की. इसके बाद गुड़गांव में आर्यन कोल बेनिफिकेशन में 20 लाख के पैकेज पर सीए की नौकरी मिली. कुछ दिनों तक काम भी किया, लेकिन पांच वर्ष पहले नौकरी छोड़ एआरकेजे एंड एसोसिएट की कंपनी भागलपुर में खोला. इसके अलावा पिता के कारोबार सिल्कन सिल्क कपड़ा फर्म में भी सहयोग कर रहे हैं. दोनों स्थानों पर 10 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार मिल रहा है.———सीए करके बना रहे सीएखरमनचक के दीपक सुल्तानियां ने कोलकाता के नामी संस्थान से सीए की पढ़ाई की और 13 वर्ष पहले दिल्ली स्थित सर्वल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में तीन लाख के पैकेज पर सीए की नौकरी की. 2003 में भागलपुर आये और सीए का अपना प्रैक्टिस शुरू की. कुछ दिनों के बाद सीए की पढ़ाई करनेवाले छात्रों का भी आना शुरू हो गया. अब तो कई छात्र उनसे पढ़ाई कर सीए बन चुके हैं.

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