भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ रामाशीष पूर्वे की नियुक्ति पर सवाल खड़ा हो गया है. मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो अरुण कुमार ने जिस लेटर पैड पर परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति की थी, उसमें कई विसंगतियां उजागर हुई हैं. एक तो यह कि परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति मगध विश्वविद्यालय के लेटर पैड पर हुई है.
दूसरा परीक्षा नियंत्रक का नाम डॉ रामचंद्र पूर्वे लिखा गया है न कि डॉ रामाशीष पूर्वे. इस पत्र की प्रतिलिपि संलग्न करते हुए एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कुलपति डॉ एनके वर्मा को ज्ञापन सौंप कर डॉ रामाशीष पूर्वे को बरखास्त करने का अनुरोध किया. साथ ही डॉ पूर्वे के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने की मांग की.
एनएसयूआइ कार्यकर्ता धर्मराज सिंह ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अरुण कुमार ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति को लेकर इस साल 13 मार्च को पत्र संख्या 185/सी जारी किया था. इस पत्र में मारवाड़ी कॉलेज भागलपुर के डॉ रामचंद्र पूर्वे को परीक्षा नियंत्रक बनाने की बात कही गयी है. दूसरी ओर परीक्षा नियंत्रक के पद पर डॉ रामाशीष पूर्वे बने हुए हैं.
धर्मराज ने इसे गैर कानूनी बताया है. उन्होंने बताया कि नियुक्ति को लेकर 13 मार्च को पत्र भेजा गया था. इस पर विश्वविद्यालय से 15 मार्च को ऑर्डर निकला, जबकि इससे एक दिन पहले ही नये कुलपति की नियुक्ति की घोषणा हो चुकी थी.