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फोरेंसिक लैब में डीएनए टेस्ट से मामलों के अनुसंधान में आयेगी तेजी

फोरेंसिक लैब में डीएनए टेस्ट से मामलों के अनुसंधान में आयेगी तेजी – पूरे जिले में अक्तूबर 2015 तक दुष्कर्म के 30 मामले हुए हैं दर्ज संवाददाता, भागलपुर महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, छेड़खानी, यौन शोषण, रेप, मानसिक तनाव और पारिवारिक दबाव आदि जैसे मामले बढ़े हैं. बिहार राज्य में साल 2015 अक्तूबर माह तक […]

फोरेंसिक लैब में डीएनए टेस्ट से मामलों के अनुसंधान में आयेगी तेजी – पूरे जिले में अक्तूबर 2015 तक दुष्कर्म के 30 मामले हुए हैं दर्ज संवाददाता, भागलपुर महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, छेड़खानी, यौन शोषण, रेप, मानसिक तनाव और पारिवारिक दबाव आदि जैसे मामले बढ़े हैं. बिहार राज्य में साल 2015 अक्तूबर माह तक 909 रेप के मामले दर्ज हुए हैं, जबकि भागलपुर में इस दौरान अब तक कुल 30 रेप के मामले सामने आ चुके हैं. बिहार सरकार के निर्देशानुसार शुक्रवार को सीआइडी के आइजी विनय कुमार स्पीडी ट्रायल की समीक्षा करने भागलपुर पहुंचे थे. उन्होंने भागलपुर में स्पीडी ट्रायल के मामले के निष्पाादन में तेजी लाने के लिए फारेंसिक जांच लैब स्थापित करने की बात कही. फारेंसिक लैब की स्थापना होने से यहां सिर्फ आर्म्स एक्ट, हत्या, डकैती, चोरी के मामले के निष्पादन में ही तेजी नहीं आयेगी बल्कि यहां रेप के मामले के निष्पादन में भी तेजी आयेगी. फारेंसिक लैब में डीएनए टेस्ट के बाद किसी भी प्रकार के रेप को छुपा पाना मुश्किल है. इस जांच से दुष्कर्मी की पहचान, कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करने व भविष्य में रेप जैसी घटना को रोकने में मदद मिलती है. फारेंसिक जांच के एक्सपर्ट आरोपी व गुमनाम अारोपी का पता लगा सकते हैं. मिलता है डीएनए साक्ष्यफोरेंसिक जांच एक्सपर्ट रेप की घटना के 72 घंटे के अंदर डीएनए साक्ष्य एकत्रित करते हैं. वे बॉडी, कपड़ा, खून, सेलिवा, स्वीट, पेशाब, सीमेन आदि से डीएनए साक्ष्य एकत्रित करते हैं. अज्ञात दुष्कर्मी भी आते हैं पकड़ में कभी कभी रेप की घटना में शामिल लोगों को पीड़िता पहचान नहीं पाती है. रेप केस के अनुसंधानकर्ता फेडेरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन द्वारा तैयार कोडिस ( सीओडीआइएस) यानी कंबाइंड डीएनए इंडेक्स सिस्सटम से तैयार डाटा के मिलान कर असली आरोपी तक पहुंचते हैं. कोट : फोरेंसिक लैब की स्थापना हो जाने से अपराध अनुसंधान में निश्चित रूप से सुविधा होगी. डीएनए टेस्ट से खास कर रेप कांड में पुख्ता साक्ष्य मिलता है. भागलपुर में लैब हो जाने से अब पीड़िता को जल्द इंसाफ मिलने की संभावना बढ़ गयी है. हालांकि पुलिस द्वारा कई मामलों में अनुसंधान के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया. कई मामलों में स्पीडी ट्रायल भी कराया जा रहा है. विवेक कुमार, एसएसपी

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