सिटी एसपी अवकाश कुमार ने बुधवार की शाम प्रेस वार्ता आयोजित कर इस हत्याकांड से परदा हटाया. उन्होंने हत्याकांड की पूरी कहानी सुनाते हुए बताया कि निलेश की हत्या उसके बचपन के दोस्त अमरजीत ने अपनी बहन के साथ प्रेम प्रसंग के कारण की. निलेश को अपनी बहन के रास्ते से हटाने के लिए उसने साजिश रची, जिसमें उसने अपने मामा विपिन यादव व अन्य रिश्तेदार को भी शामिल किया. साजिश के तहत उसने निलेश को मोबाइल से फोन कर घर से बुलाया और सुनसान जगह पाकर गोली मार मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने इसका ठोस साक्ष्य गिरफ्तार अमरजीत व उसके मामा विपिन यादव की निशानदेही पर बरामद निलेश के मोबाइल के कॉल डिटेल और तकनीकी विश्लेषण से जुटाया है. गिरफ्तार अमरजीत ने भी पूरे वाकये को पुलिस के पास अपने स्वोकारोक्ति बयान में दर्ज करवाया है. वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर केस के अनुसंधान के लिए लोदीपुर इंस्पेक्टर, गोराडीह थानाध्यक्ष, सबौर थानाध्यक्ष, ललमटिया थानाध्यक्ष की टीम बनायी गयी थी. हत्याकांड के उद्भेदन के लिए डीआइजी के स्तर से लोदीपुर इंस्पेक्टर और तीनों थानाध्यक्ष को पुरस्कृत किया जायेगा. हालांकि पुलिस मामले के अन्य आरोपितों को दबोचने के लिए घटना में शामिल कुछ नाम को अभी गुप्त रख रही है.
Advertisement
निलेश हत्याकांड: बहन के प्रेमी को उतारा मौत के घाट,अपनी गर्लफ्रेंड को उपहार
भागलपुर: लोदीपुर थाना क्षेत्र के सबौर जमसी रोड स्थित पुल पर 13 दिसंबर की रात गोली मार कर अकबरनगर गांव निवासी छात्र निलेश की हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान परिजनों से पूछताछ और केस के नामजद आरोपी अमरजीत की निशानदेही पर बरामद मृतक के मोबाइल के […]
भागलपुर: लोदीपुर थाना क्षेत्र के सबौर जमसी रोड स्थित पुल पर 13 दिसंबर की रात गोली मार कर अकबरनगर गांव निवासी छात्र निलेश की हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान परिजनों से पूछताछ और केस के नामजद आरोपी अमरजीत की निशानदेही पर बरामद मृतक के मोबाइल के तकनीकी विश्लेषण के बाद पूरी सच्चाई सामने ला दी है.
कहानी शुरू होती है अब… निलेश हत्याकांड सुनियोजित था. इस कहानी की चार कड़ी एक-दूसरे से जुड़ी है- दोस्ती, गर्लफ्रेंड, परिवार व मोबाइल. मोबाइल और सिम की तरह ही दोनों की गर्लफ्रेंड के आसपास कहानी घूमती रही है. अमरजीत ने इसके लिए काफी पहले से तैयारी की थी. निलेश को मौत के घाट उतारने के लिए उसने फर्जी नाम से चार सिम खरीदा था. एक सिम अपने लिए, दूसरा निलेश, तीसरा अपनी गर्ल फ्रेंड और चौथा मामा के लिए. पुलिस फर्जी नाम से सिम कार्ड बेचने वाले दुकानदार को भी दबोचने में लगी है. निलेश का मोबाइल अमरजीत ने अपनी गर्ल फ्रेंड को दे दिया था. इसे पुलिस ने अमरजीत की निशानदेही पर उसी गांव की रहनेवाली अमरजीत की गर्लफ्रेंड के घर से बरामद किया है.
पुलिस ने की ताबड़तोड़ छापामारी : अकबरनगर. छात्र रमण उर्फ निलेश हत्याकांड को ले पुलिस ने श्रीरामपुर गांव में मंगलवार देर रात कई जगहों पर छापेमारी की. हत्याकांड के मुख्य आरोपित अमरजीत कुमार की निशानदेही पर की गयी छापेमारी में पुलिस को मुख्य आरोपी अमरजीत का मोबाइल बरामद हुआ है. वहीं पुलिस ने एक युवती से मोबाइल बरामद किया है, जो निलेश का बताया जा रहा है. छात्र मृतक नीलेश व अमरजीत का जिन दो लड़कियों से प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों युवतियों से पुलिस पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों की मानें तो पुलिस ने छापेमारी के दौरान मृतक नीलेश के प्रेमिका से पूछताछ की है.अहत्याकांड में मृतक के परिजनों ने पांच लोगों को आरोपी बनाया है. पुलिस ने मामले के अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने श्रीरामपुर व पचरूखी बाजार में भी छापेमारी की. लेकिन सफलता नहीं मिली. पुलिस ने इस मामले में अमरजीत के पिता को गिरफ्तार करने के बाद दो दिनों तक पूछताछ की. पूछताछ के बाद उन्हें थाना से बांड भर कर छोड़ा गया. पुलिस का कहना है कि दर्ज की गयी प्राथमिकी में अमरजीत के पिता को आरोपित नहीं बनाया गया है, लेकिन पिता पर पुलिस नजर रख रही है.
और वह उपहार के लिए मार डाला गया
हत्या की यह कहानी पूरी फिल्मी है. इसमें दो प्रेमिका, दो मोबाइल व चार सिम का राज छिपा है. अपनी बहन के आशिक को राह से हटाने के लिए अमरजीत ने एक तरफ परिवार के कुछ संबंधी को साथ लिया, तो दूसरी ओर कुछ अन्य साथी भी उसके साथ थे. पुलिस यह भी मान रही है कि एक तरफ ऑनर किलिंग की तरह हत्याकांड को अंजाम दिया गया, तो दूसरी ओर गर्ल फ्रेंड को उपहार देने के लिए अमरजीत ने निलेश को शिकार बनाया. इसके लिए हत्या का ताना-बाना इतना महीन बुना गया था कि कई दिनों तक पुलिस इसे सुलझाने में फंसी रही. कहते हैं अपराधी कितना भी चालाक हो वह कुछ न कुछ साक्ष्य छोड़ ही देता है. यही हुआ निलेश हत्याकांड में. एक सिम के सहारे पुलिस आरोपी की गरदन तक पहुंच ही गयी. दूसरी सबसे बड़ी चूक अमरजीत को घर से बुलाने का प्लान रहा. यदि कोई दूसरा बुलाने जाता, तो शायद यह केस और लंबे दिनों तक अनुसंधान में फंस सकता था. वैसे अमरजीत ने पुलिस को भटकाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाया.
इधर से जाम होगा, उधर से चलो
अमरजीत ने निलेश को पहले फोन कर सबौर बाबुपुर बुलाया. वहां नीलेश से कहा कि इधर से जाने पर जाम मिलेगा. इसलिए लोदीपुर जाने के लिए जमसी पुल होकर चलो. घटना को अंजाम देने के बाद अमरजीत अपने मामा के घर रातों रात चला गया, ताकि उस पर कोई शक नहीं कर सके. अमरजीत अपने मामा के यहां अकबरनगर में ही रह कर पढ़ाई करता था. इसी कारण निलेश से उसकी दोस्ती थी. हालांकि दोनों परिवार में पैसे को लेकर मनमुटाव था, लेकिन अमरजीत की बहन के प्यार के कारण निलेश की अमरजीत के साथ गहरी बनती थी. घटना के दिन निलेश शिक्षक से मिलने की बात कह कर घर से निकला था. घटना की शाम लोगों ने निलेश व अमरजीत को बाजार में घूमते देखा था. हालांकि परिजनों ने घटना के बाद पैसे के लेने को हत्या का कारण बताया था, लेकिन निलेश के सराय पर पढ़ाई करने जाने का समय व पैसा का लेन-देन हत्या के ताने-बाने से मेल नहीं खा रहा था. इस वजह से पुलिस इस मामले में सभी बिंदुओं पर जांच कर रही थी. घटना की साजिश में अमरजीत के बहनोई सिंटू कुमार उर्फ सकलदीप के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है. पुलिस मामले के अन्य आरोपित को तलाश कर रही है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement