भागलपुर: भागलपुर की सड़क जर्जर क्या हुई भाजपा का अंदरूनी कलह भी खुल कर सामने आ गया. अभी भाजपा की स्थिति छिलका उतरे संतरे की तरह है. यानी भाजपा अब अलग-अलग नजर आने लगी है. सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन व विधायक अश्विनी चौबे के गुट में बंटी भाजपा के नेताओं में आरोप -प्रत्यारोप शुरू हो गया है. अभी तक यह सब इशारे-इशारे में और परदे के पीछे हो रहा था.
दूसरे दल के लोग इस पर मजा ले रहे हैं और कह रहे हैं अभी की स्थिति उसी तरह है जैसी स्थिति उस समय थी जिस समय शासन और आसन दोनों पर भागलपुर का अधिकार था. पिछले एक पखवारे से भागलपुर की सड़क हॉट केक बनी हुई है. हर दल सड़क को लेकर आंदोलन की राह पर हैं. हालांकि यहां की जर्जर सड़कों को लेकर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे के भाई संतोष दुबे पिछले एक साल से सोशल साइट के जरिए अभियान चला रहे थे.
आंदोलन की शुरुआत तब शुरू हुई जब श्री दुबे ने सड़क के मुद्दे पर सामाजिक संगठनों की ओर से आयोजित एक धरना में भाग लिया. इसके बाद तो आंदोलनों की बाढ़ आ गयी. इस आंदोलन में भाजपा भी कूदी. भागलपुर के विधायक अश्विनी चौबे के नेतृत्व में भागलपुर शहर व घोघा में धरना दिया गया. सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन ने भी केंद्रीय मंत्रियों से मिल कर सड़क के सवाल पर दबाव बनाया.
इधर भाजपा सड़क को लेकर आंदोलन की राह पर थी. उधर पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी व अंतर्कलह की परतें प्याज की तरह छिल रही थी. भाजपा की अंदरूनी कलह का पहला पटाखा फोड़ा भाजपा नेता विष्णु शर्मा ने. उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि सांसद संगठन को नजरअंदाज करते हैं. यह बात जिलाध्यक्ष नभय चौधरी के संवाददाता सम्मेलन में हुई. इसके एक दिन बाद यानी शनिवार को शानहवाज खेमे की तरफ से पूर्व जिलाध्यक्ष नरेशचंद्र मिश्र, सांसद प्रवक्ता मृणाल शेखर सहित अन्य नेताओं की संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में नभय चौधरी को अध्यक्ष मानने से ही इनकार कर दिया. इसके दो दिन पहले भाजपा की राजनीति तब और गरमायी थी जब सांसद श्री हुसैन अचनाक जदयू विधायक अजय मंडल के घर पहुंच गये. उसके अगले दिन श्री चौबे का घोघा में धरना था. उस धरना में पीरपैंती के विधायक अमन कुमार भी शामिल हुए. श्री चौबे भी विधायक अजय मंडल के घर गये थे.
विधायक श्री मंडल और पीरपैंती विधायक की व्यक्ति निष्ठा भागलपुर वासी व गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रति है. श्री दुबे और श्री चौबे के बीच बेहतर राजनीतिक रिश्ते नहीं रहे हैं, लेकिन श्री चौबे के धरना में श्री दुबे समर्थक विधायक का शामिल होना और श्री दुबे समर्थक विधायक के घर श्री चौबे के जाने ने भाजपा की राजनीति को गरमा दिया. इससे एक नये राजनीतिक समीकरण के बनते आसार ने भाजपा की स्थानीय राजनीति को गरमा दिया. इस पूरे मामले में जिलाध्यक्ष नभय कुमार चौधरी का कहना है कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है सिर्फ कुछ छुटभैये पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को पीड़ा पहुंचा रहे हैं. जहां तक अध्यक्ष की बात है तो पार्टी ने मुङो 16 मई 2012 मनोनीत किया है. जिस दिन किसी नये व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष के रूप में मनोनीत करेगी मैं स्वत: हट जाऊंगा.