भागलपुर: उम्र सीमा बढ़ाये जाने, युवा अधिवक्ताओं को चुनाव लड़ने से वंचित नहीं करने सहित पांच मांगों को लेकर शुक्रवार को दस की संख्या में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य बाधित किया.
पहले से घोषित अपने बंद व न्यायालय कार्य से अधिवक्ताओं को अलग रखने के आंदोलन को लेकर अधिवक्ता संजय कुमार मोदी ने अन्य अधिवक्ताओं के साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में घुस कर न्यायिक कार्य बाधित किया. इस दौरान कोर्ट में बैठे जिला एवं सत्र न्यायाधीश उठ कर अपने कक्ष में चले गये. हंगामे के कुछ देर बाद आदमपुर, तिलकामांझी व तातारपुर की पुलिस तथा जिला सैप के जवान व्यवहार न्यायालय परिसर में आये, तब न्यायिक कार्य शुरू हो सका. आधे घंटे तक न्यायिक कार्य बाधित रहा.
जानकारी के अनुसार हंगामे के बाद तदर्थ कमेटी के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता सत्यनारायण पांडे, स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष कामेश्वर पांडे और लोक अभियोजक ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश से उनके कक्ष में जाकर बातचीत की.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिलाधिकारी व वरीय आरक्षी अधीक्षक से भी बात की. इसके तत्काल बाद वहां पुलिस के जवान आ गये. बंद करा रहे अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर के हर कोर्ट एरिया में जाकर बंद करने का आह्वान किया. करीब साढ़े दस बजे जिला विधिज्ञ संघ भवन के आसपास की सभी स्टेशनरी दुकान व हाजरी फार्म, वकालतनामा तथा टिकट की बिक्री करने वाले कार्यालय को बंद करा दिया गया. आंदोलनकारियों ने उनके आगे बैनर लगा दिये. आंदोलनकारियों ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के सभी कोर्ट के बाहर भी बंद कराने का आह्वान किया. बंद करानेवालों में संजय कुमार मोदी, सारिक मंजूर, आशीष कुमार, राजीव झा, रजनीश कुमार, मदन मोहन मिश्र, जावेद अहमद, सुनील मंडल, भोला मंडल, राजेंद्र दरवे, दिलीप विश्वकर्मा शामिल थे.