17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खेल-खेल में बहन से झगड़ा, भाई ने लगा ली फांसी

खेल-खेल में बहन से झगड़ा, भाई ने लगा ली फांसी आदमपुर स्थित हनुमाननगर मोहल्ले की घटना नवयुग विद्यालय में पांचवी का छात्र था आशुतोषगोड्डा के डेरमा का रहनेवाला था आशुतोष फोटो : सुरेंद्रसंवाददाता, भागलपुरआदमपुर थाना क्षेत्र के हनुमाननगर में शनिवार की शाम आठ बजे आशुतोष (13 वर्ष) ने बहन के साथ खेल खेल में हुए […]

खेल-खेल में बहन से झगड़ा, भाई ने लगा ली फांसी आदमपुर स्थित हनुमाननगर मोहल्ले की घटना नवयुग विद्यालय में पांचवी का छात्र था आशुतोषगोड्डा के डेरमा का रहनेवाला था आशुतोष फोटो : सुरेंद्रसंवाददाता, भागलपुरआदमपुर थाना क्षेत्र के हनुमाननगर में शनिवार की शाम आठ बजे आशुतोष (13 वर्ष) ने बहन के साथ खेल खेल में हुए झगड़े को लेकर फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. आशुतोष नवयुग विद्यालय में पांचवी कक्षा का छात्र था. इस घटना से आसपास के क्षेत्रों में सनसनी फैल गयी. मोहल्ले के लोग छात्र की मौत से अवाक थे. आशुतोष अपने पिता व भाई बहन के साथ हनुमान नगर में कौशल किशोर पांडेय के घर किराये के मकान में रह रहा था. घटना की सूचना पर आदमपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर परिजनों से पूछताछ में जुट गयी. आशुतोष के पिता ब्रह्मदेव रविदास झारखंड के गोड्डा जिला स्थित डेरमा के रहनेवाले हैं और शिक्षक हैं. ब्रह्मदेव रविदास ने बताया कि उनका प्रमोशन हुआ है. इसके लिए भवनाथपुर स्कूल से इस्माईलपुर स्कूल में पोस्टिंग हुई है. इसी सिलसिले में सुलतानगंज गये थे. शुक्रवार को आशुतोष ने बताया था कि स्कूल की तीन माह की फीस बकाया है. इसके लिए एटीएम से पैसा निकाल कर आशुतोष को दिया था और फीस जमा करने तथा घर का गैस सिलेंडर गोदाम से ले आने के लिए कहा था. शाम में सब भाई बहन घर में खेल रहे थे. इसी दौरान उनका झगड़ा हुआ. इसके बाद आशुतोष ने गुस्से में आकर खुद को घर में बंद कर लिया. जब घर आया, तो बेटी व छोटे बेटे ने बताया कि आशुतोष ने गुस्से में खुद को कमरे में बंद कर लिया है. वह अक्सर गुस्से में ऐसा करता था. हमने खूब दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसने नहीं खोला. हमने समझा कि अभी गुस्सा शांत नहीं हुआ है. पहले की तरह ही रात में उठ कर खाना खा लेगा. इसके बाद हम खाना खाकर सो गये. सुबह उठे तो दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसने नहीं खोला. हमने सोचा शायद अभी सो रहा होगा. हम अपने काम से कचहरी चले गये. थोड़ी देर में मकान मालिक का फोन आया कि आप जल्दी घर पहुंचें. आपके लड़के ने फांसी लगा कर जान दे दी है. घर आने पर मेरे पैर के नीचे से जमीन सरक गयी. हम बेटे को मृत देख कर अवाक रह गये. आशुतोष ने गुस्से से कमरे में बंद होकर लुंगी से पंखे में बांध फांसी लगायी थी. परिवार के लोगों ने उसे फांसी से नीचे उतारा था. भैया ने मुझे मारा, तो दीदी ने भैया को मारानवयुग विद्यालय में भाई के साथ चौथी कक्षा में पढ़ाई कर रहे आशुतोष के छोटे भाई प्रियतोष ने बताया कि हम दोनों भाई में झगड़ा हुआ, तो भैया ने मुझे मारा. इस पर दीदी ने भैया को मारा, तो भैया ने दीदी को नोंच लिया. इसके बाद भैया गुस्सा में कमरे चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया. थोड़ी देर बाद जब दरवाजा खटाखटाये, तो भैया ने नहीं खोला. सवेरे आरी पत्ती से कुंडी काट कर दरवाजा खोला, तो देखा कि भैया पंखे से लटक रहा है. भगवान कैसी सजा दी तूनेबेटे की मौत से गमजदा पिता ब्रह्मदेव बार-बार घर के अंदर दहाड़ मार कर रो रहे थे. कह रहे थे मेरा सबसे प्यारा बेटा अब दुनिया में नहीं रहा. हे भगवान तूने मुझे यह कैसी सजा दी है. पूछने पर रोते-रोते बताया कि 26 मई को पत्नी की अमरपुर रोड में विशंबरचक के पास एक्सीडेंट में मौत हो गयी. अब बेटा भी दुनिया में नहीं रहा.बहन के नहीं थम रहे थे आंसू बहन कृतिका सागर भाई की इतनी बड़ी रूसवाई से जार-जार रो रही थी. घर में मां और बहन दोनों की भूमिका निभा रही कृतिका ने कभी सोचा भी नहीं था कि जिस भाई को अपने हाथों की बना कर खाना खिला कर बड़ा कर रही है. वह छोटी सी बात पर अपनी जान दे देगा. वह खुद को इस बात के लिए बार-बार कोस रही थी कि क्यों छोटे भाई को मारने पर उसने आशुतोष को डांटा. घटना की सूचना पर उसके आस पास की सहेली व शुभचिंतक महिला घर पहुंची थी. वह बार बार रोती बिलखती कृतिका को ढाढ़स बंधा रही थी. वाबजूद बहन कृतिका की आंखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहा था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें