भागलपुर: पर्व-त्योहार का मौसम खत्म होते ही राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है. भाजपा की ओर से घोषित प्रधानमंत्री पद के उम्मीद्वार नरेंद्र मोदी द्वारा दिसंबर या जनवरी में भागलपुर और पूर्णिया में रैली करने की संभावना है.
दोनों जगह राजनीतिक रूप से काफी मायने रखता है. मंगलवार को पटना में भाजपा की बैठक में इस बात पर गंभीर मंथन हुआ है. संभावना जतायी जा रही है कई राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद रैली आयोजित होगी. हिंदी पट्टी के इन राज्यों से भाजपा ने काफी उम्मीद लगा रखी है. पिछले महीने पटना में नरेंद्र मोदी की हुई सफल रैली से प्रदेश भाजपा ऐसे ही गदगद है. अभी भाजपा का पूर्व बिहार व कोसी की लोकसभा की 11 में से 4 सीटों पर भाजपा का कब्जा है. पार्टी लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपना उम्मीदवार देगी.
भाजपा और जदयू में रिश्ता टूटने तथा चारा घोटाले में राजद सुप्रीमो के जेल जाने के बाद वैसे ही सूबे का राजनीतिक पारा बढ़ा हुआ था. ऐसे में नरेंद्र मोदी की पटना रैली ने इस पारे को और बढ़ा दिया. भाजपा आनेवाले लोक सभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत दिखाने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रही है. पार्टी अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की अगले महीने या फिर नये साल के पहले महीने में बिहार में पांच जगहों पर रैली कराने पर विचार कर रही है. इसमें कोसी में पूर्णिया और पूर्व बिहार में भागलपुर को शामिल किया गया है. जानकारों के मुताबिक पार्टी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. बिहार की राजनीति में दोनों जगहों का अपना महत्व है.
1989 में भागलपुर में घटी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कांग्रेस हिंदी पट्टी से ऐसी उखड़ी कि आज तक अपना पांव नहीं जमा पा रही है. सीमांचल और कोसी क्षेत्र की राजनीतिक दिशा-दशा पूर्णिया से ही तय होती है. इस इलाके में अल्पसंख्यकों की अच्छी खासी आबादी है. भाजपा दोनों जगह पर अपनी दमदार रैली करना चाहती है.पार्टी के कई दमदार चेहरे इसी क्षेत्र से आते हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे ने बताया कि मैंने नरेंद्र मोदी को भागलपुर आने का न्योता दिया है. उनसे विक्रमशिला देखने का भी अनुरोध किया है. उम्मीद है कि अगले महीने उनकी रैली भागलपुर में होगी. वैसे भी उन्हें सुपौल आना था लेकिन मौसम की खराबी की वजह से वे नहीं आ सके. श्री चौबे ने कहा कि पूर्व बिहार व कोसी से उन्हें भारी समर्थन मिलेगा.