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टीएमबीयू: कैसे सुधरेगी पढ़ाई, शिक्षक की कमी बड़ी समस्या, ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेज उपेक्षित
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है. जबकि शहरी कॉलेजों में कुछ कॉलेज को छोड़ दोगुने से भी अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. शिक्षकों को शहरी कॉलेज अधिक पसंद है. शहरी कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा पढ़नेवाले छात्रों की संख्या कुछ ही ज्यादा है. भागलपुर, बांका, खगड़िया, मुंगेर, […]
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है. जबकि शहरी कॉलेजों में कुछ कॉलेज को छोड़ दोगुने से भी अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. शिक्षकों को शहरी कॉलेज अधिक पसंद है. शहरी कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा पढ़नेवाले छात्रों की संख्या कुछ ही ज्यादा है.
भागलपुर, बांका, खगड़िया, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, लखीसराय जिले में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 29 कॉलेज हैं. इन जिलों के शहरी व इससे ठीक सटे इलाके में 15 कॉलेज हैं. इन 15 कॉलेजों में 400 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. उक्त जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 14 कॉलेजों में 200 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. दूसरी ओर देखें तो शहरी क्षेत्र के कॉलेजों में लगभग 65000 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेज में लगभग 45000 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. शहरी क्षेत्र के कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या अधिक होने का एक कारण जहां अपेक्षाकृत अधिक पद स्वीकृत होना बताया जा रहा है, वहीं शिक्षकों को शहर में मिलनेवाली सुलभ सुविधा भी इसकी वजह है.
शिक्षक कमी को लेकर सरकार को भेजा जायेगा पत्र
शहरी कॉलेजों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में शिक्षकों का पद सृजित कम है. साथ ही शिक्षक सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं. इस संबंध में विवि प्रशासन गंभीर है. शिक्षक कमी को लेकर सरकार को पत्र भेजा जायेगा.
प्रो एके राय, प्रतिकुलपति टीएमबीयू
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