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कोसी-पूर्व बिहार: तीन प्रदेश अध्यक्षों की हार

भागलपुर : कोसी-पूर्व बिहार के परिणामों ने सबको चौंकाया. कई दिग्गज भी अपनी सीट नहीं बचा पाये. तीन प्रदेश अध्यक्ष खुद अपनी ही सीट नहीं बचा पाये. मुंगेर के तारापुर सीट से हम के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी, अलौली सीट से लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस व कोचाधामन सीट से एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष […]

भागलपुर : कोसी-पूर्व बिहार के परिणामों ने सबको चौंकाया. कई दिग्गज भी अपनी सीट नहीं बचा पाये. तीन प्रदेश अध्यक्ष खुद अपनी ही सीट नहीं बचा पाये. मुंगेर के तारापुर सीट से हम के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी, अलौली सीट से लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस व कोचाधामन सीट से एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को हार का मुंह देखना पड़ा पप्पू यादव की युवा शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र त्यागी तो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाये.

मुंगेर जिले की तारापुर सीट से हिंदुस्तानी अवाम मोरचा(हम) के शकुनी चौधरी मैदान में थे. यहां जदयू प्रत्याशी मेवालाल चौधरी को 66411 वोट मिले जबकि शकुनी चौधरी को 54464 वोट मिले. इतना ही नहीं शकुनी के पुत्र राजेश कुमार खगड़िया सीट से हम के टिकट पर मैदान में थे. उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. किशनगंज के कोचाधामन से ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान अपनी सीट नहीं बचा पाये. उन्हें जदयू के मास्टर मुजाहिद ने पराजित किया. चर्चित अलौली सीट से लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को राजद के चंदन राम ने पराजित किया. पिछली बार जदयू प्रत्याशी ने पारस को हराया था. महागंठबंधन की यह सीट राजद को गयी थी और राजद ने चंदन राम को प्रत्याशी बनाया था. इतना ही नहीं पप्पू यादव की युवा शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र सिंह त्यागी जन अधिकार पार्टी के टिकट पर बेलदौर सीट से मैदान में थे. उन्हें मात्र 4135 हजार वोट ही मिले.

नरेंद्र सिंह के दोनों पुत्रों की हुई हार
सबसे अधिक क्षति जमुई में नरेंद्र सिंह को हुई. नरेंद्र सिंह के दोनों पुत्र चुनाव हार गये. चकाई सीट पर उनके पुत्र सुमित निर्दलीय मैदान में थे. राजद की सावित्री देवी ने उन्हें पराजित किया. सावित्री देवी पूर्व विधायक स्व फाल्गुनी यादव की पत्नी हैं. चुनाव के पूर्व ही वे राजद में शामिल हुई थी. दूसरी ओर जमुई सीट से हम के टिकट पर खड़े नरेद्र सिंह के एक और पुत्र अजय प्रताप सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा. इस सीट से राजद सांसद जयप्रकाश यादव के भाई विजय प्रकाश ने जीत दर्ज की.

एनडीए सांसद के परिजन हारे तो महागंठबंधन सांसदों के परिजन जीते
विधानसभा चुनाव का परिणाम इस मायने में भी चौंकानेवाला रहा कि एनडीए सांसदों के परिजन जो मैदान में खड़े थे उन्हें हार का सामना करना पड़ा जबकि महागंठबंधन सांसद के परिजनों ने जीत दर्ज की. भागलपुर सीट से बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत खड़े थे. उन्हें कांग्रेस के अजीत शर्मा ने पराजित किया. खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर के पुत्र युसूफ सलाउद्दीन सिमरी बख्तियारपुर सीट से मैदान में थे. उन्हें पूर्व मंत्री दिनेश चंद्र यादव ने हराया. इतना ही नहीं लोजपा सांसद वीणा देवी के करीबी हिमांशु कुंवर जमालपुर सीट से चुनाव हार गये. दूसरी ओर राजद सांसद जयप्रकाश यादव के भाई विजय प्रकाश जमुई सीट से चुनाव जीत गये. वहीं भागलपुर सांसद बुलो मंडल की पत्नी वर्षा रानी बिहपुर से तो अररिया के राजद सांसद तसलीमउद्दीन के पुत्र सरफराज आलम ने बड़े अंतर से जोकीहाट सीट से जीत दर्ज की.

एनडीए के दिग्गज भी धराशायी तो महागंठबंधन के दिग्गज जीते
इस चुनाव में एनडीए के कई दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा तो महागंठबंधन के दिग्गज प्रत्याशी ने जीत दर्ज की. सुपौल सीट से जदयू के टिकट पर मंत्री विजेंद्र यादव, मधेपुरा के आलमनगर सीट से मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, किशनगंज के ठाकुरगंज सीट से मंत्री नौशाद आलम, धमदाहा सीट से मंत्री लेसी सिंह, रुपौली सीट से मंत्री बीमा भारती, परबत्ता सीट से पूर्व मंत्री आरएन सिंह ने एक बार फिर जीत दर्ज की. तो एनडीए के दिग्गजों के बांका सीट से पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल, सिकटी से पूर्व मंत्री विजय मंडल ही अपनी सीट बचा पाये.

कोसी-पूर्व बिहार के पांच जिलों में एनडीए का सूपड़ा साफ
कोसी-पूर्व बिहार के पांच जिलों में एनडीए का सूपड़ा साफ हो गया. भागलपुर, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, खगड़िया, मुंगेर जिले की 26 सीटों पर एनडीए को हार का सामना करना पड़ा. इन जिलों की सभी सीटों पर महागंठबंधन के प्रत्याशी जीते.

न ओवैसी, न पप्पू की सुनी मतदाताओं ने
सीमांचल के रास्ते बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने पहुंचे एआइएमआइएम को लोगों ने नकार दिया. सीमांचल की छह सीटों पर एआइएमआइएम ने प्रत्याशी दिये थे. सिर्फ एक सीट कोचाधामन पर ही उनके प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे. दूसरी ओर लालू विरोध का झंडा उठानेवाले पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी को एक भी सीट नहीं दिला पाये. इतना ही नहीं किसी भी सीट पर उनके प्रत्याशी दूसरे स्थान पर भी नहीं आ पाये. ऐसे में यह परिणाम बताने के लिए काफी है कि जनता के लिए एक तरफ महागंठबंधन था तो दूसरी ओर एनडीए. चुनाव पूर्व एआइएमआइएम के अकबरुद्दीन ओवैसी की किशनगंज में सभा के बाद उन पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसके बाद बड़े ओवैसी ने किशनगंज में चुनाव की कमान संभाली और मतदान के एक दिन पूर्व तक किशनगंज में कैंप किये रहे. कई सभाएं भी की लेकिन मतदाताओं ने उन्हें नकार दिया. किशनगंज, कोचाधामन, पूर्णिया के अमौर व बायसी, कटिहार के बलरामपुर व अररिया के रानीगंज सीट पर एआइएमआइएम के प्रत्याशी मैदान में थे. सिर्फ कोचाधामन सीट पर ही एआइएमआइएम के प्रत्याशी मुकाबले में रहे.

लालू विरोध का झंडा बुलंद करनेवाले मधेपुरा सांसद पप्पू यादव की पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. कोसी व सीमांलच की किसी सीट पर जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर भी नहीं पहुंच पाये. कई विक्षुब्धों पर भी पप्पू ने दावं खेला था. पूर्णिया की धमदाहा सीट से राजद के पूर्व विधायक दिलीप यादव, बहादुरगंज सीट से जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष मुसब्बिर आलम, मधेपुरा के बिहारीगंज सीट से जिप अध्यक्ष के पुत्र श्वेत कमल उर्फ बौआ सहित फारबिसगंज सीट से पूर्व विधायक जाकिर अनवर व त्रिवेणीगंज सीट से जदयू के विक्षुब्ध अमला देवी को जन अधिकार पार्टी ने मैदान में उतारा था. ऐसे दिग्गज भी रेस में नहीं दिखे. हालांकि कई जगहों पर पप्पू की पार्टी के प्रत्याशी तीसरे जगह पर दिखे.

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