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रिसर्च मैथडोलॉजी की पढ़ाई 15 दिसंबर से

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद राजकीय शिक्षक प्रशिक्षक महाविद्यालय घंटाघर में रिसर्च मैथडोलॉजी की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी कर ली गयी है. कोर्स शुरू करने के लिए कुलपति ने बहुत पहले निर्देश जारी कर दिया था, लेकिन एजुकेशन के डीन को यह पत्र नहीं मिला था. इस कारण कोर्स […]

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद राजकीय शिक्षक प्रशिक्षक महाविद्यालय घंटाघर में रिसर्च मैथडोलॉजी की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी कर ली गयी है. कोर्स शुरू करने के लिए कुलपति ने बहुत पहले निर्देश जारी कर दिया था, लेकिन एजुकेशन के डीन को यह पत्र नहीं मिला था. इस कारण कोर्स शुरू नहीं हो पा रहा था. इस बाबत 30 अक्तूबर को प्रभात खबर ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया. इसके बाद कोर्स शुरू करने का रास्ता साफ हो सका.

गुरुवार को राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में कॉलेज के प्राचार्य व शिक्षा संकाय के अध्यक्ष (डीन) डॉ राकेश कुमार ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया. उन्होंने कहा कि रिसर्च मेथडोलॉजी का कोर्स 15 दिसंबर से आरंभ होगा. यह कोर्स छह माह को होगा. नामांकन के लिए छात्र 10 दिसंबर तक आवेदन जमा कर सकते हैं.

कोर्स फीस दो हजार रुपये लगेंगे. पीएचडी करने से पहले यह काेर्स छात्रों को करना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि इस काेर्स में प्री-पीएचडी परीक्षा व नेट उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया जायेगा. छह माह कोर्स के तहत चार माह छात्रों को शोध लिखने, शोध तैयार करने, शब्दों की जानकारी, खुद से शोध लिखने सहित शोध से जुड़े बेसिक चीजों की जानकारी दी जायेगी. दो माह कंप्यूटर की जानकारी भी दी जायेगी ताकि छात्र शोध से जुड़े डाटा एनालाइसेस को कंप्यूटर पर लोड कर सके.

शोध छात्रों को पढ़ाने के लिए देश व राज्य के अलग-अलग शैक्षणिक संस्थाओं के विशेषज्ञ शिक्षक को रिसर्च काउंसेलिंग का सदस्य बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि एजुकेशन से पीएचडी इसलिए खास है कि एजुकेशन से पीएचडी जॉब ऑरियेंटेड होता है. इसे करने के बाद छात्र-छात्राओं को आसानी से जॉब प्राप्त हो जाता है. ऐसा देख गया है कि छात्र किसी के अंदर में शोध जरूर कर लेते है, लेकिन शोध से जुड़ी चीजों को लिखने में दिक्कत पेश आती है. इस तरह के काेर्स शुरू हो जाने से छात्रों को काफी लाभ मिलेगा.

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