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भू-अभिलेख का कंप्यूटरीकरण: रह गया ऑनलाइन नक्शा देखने का सपना

भू-अभिलेख का कंप्यूटरीकरण: रह गया ऑनलाइन नक्शा देखने का सपना योजना का सच अंचलों में तीन वर्ष पूर्व भेजी गयी थी नक्शा स्कैनिंग की मशीन प्रत्येक अंचल पर भेजे गये ऑपरेटर से नहीं लिया जा रहा काम विभाग की साइट पर अधूरा डाटा अपलोड होने से फैल रहा भ्रम जमीन निबंधन विभाग व अंचल में […]

भू-अभिलेख का कंप्यूटरीकरण: रह गया ऑनलाइन नक्शा देखने का सपना योजना का सच अंचलों में तीन वर्ष पूर्व भेजी गयी थी नक्शा स्कैनिंग की मशीन प्रत्येक अंचल पर भेजे गये ऑपरेटर से नहीं लिया जा रहा काम विभाग की साइट पर अधूरा डाटा अपलोड होने से फैल रहा भ्रम जमीन निबंधन विभाग व अंचल में नहीं बन पाया है तालमेल प्रधान सचिव ने भी योजना को लेकर कई बार उठा चुके हैं सवाल योजना से फायदे रजिस्ट्री के बाद ऑनलाइन जमीन का रिकार्ड हो जाता है अपडेट ऑनलाइन भी जमीन मालिक अपने जमीन का देख सकते नक्शा भू-सर्वेक्षण में होनेवाली गड़बड़ी होने पर समय रहते हो सकता था सुधार जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद दाखिल-खारिज की प्रक्रिया हो जाती सरल वरीय संवाददाता, भागलपुरराजस्व विभाग ने भू-अभिलेख के कंप्यूटरीकरण पर तीन वर्ष पूर्व योजना बनायी थी. इसमें प्रत्येक अंचल पर तमाम जमीनों का नक्शा स्कैन करके साइट पर अपलोड करना था. साथ ही संबंधित जमीन के असली मालिक का नाम व उनके नाम से कितनी जमीन है, की पूरी जानकारी भी देनी थी. लेकिन तीन वर्षों के दौरान भू-अभिलेख कंप्यूटरीकरण का काम नहीं हो पाया है. वर्तमान समय में अंचल में स्कैनिंग मशीन धूल फांक रही है और ऑपरेटर द्वारा रिकार्ड अपलोड करने का काम भी धीमी रफ्तार से हो रहा है. नतीजतन आम लोगों के ऑनलाइन नक्शा देखने का सपना पूरा नहीं हो पाया है. दूसरी तरफ अंचल स्तर पर होनेवाली दाखिल-खारिज जैसी कार्रवाई की जटिलता भी सहज नहीं हो पायी है. यह दिखाया गया था सपना भू-अभिलेख कंप्यूटरीकरण के समय यह सपना दिखाया गया था कि इसमें अंचल स्तर पर रिकार्ड साइट पर अपलोड रहेगा. जमीन निबंधन विभाग में रजिस्ट्री के बाद संबंधित भू मालिक की जमीन अगर खरीदी गयी तो जुड़ जायेगी और बेचने पर पहले की जमीन में उतनी जमीन घट जायेगी. ऑनलाइन रिकार्ड के रहने से अंचल स्तर पर रजिस्ट्री होने के बाद सिर्फ जमीन मालिक को वहां पर अपना रसीद निकालनी पड़ती और उसकी फीस चुकानी होती. अंचल स्तर पर अलग से भू अभिलेखागार भवन का प्रावधान भू-अभिलेख को अपलोड करने के लिए अंचल स्तर पर अलग से भू-अभिलेखागार भवन का प्रावधान किया गया. इसके अलावा अंचल पर नक्शा को स्कैन करने के लिए बड़ी मशीन भी दी गयी और बेलट्राॅन की तरफ से ऑपरेटर भी विशेष तौर पर तैनात किया गया. योजना में यह उल्लेख किया गया था कि प्रत्येक अंचल पर तैनात ऑपरेटर को एक पासवर्ड दिया जाता, जिससे वह प्रत्येक दिन जमीन निबंधन कार्यालय में होनेवाली जमीन रजिस्ट्री के बाद आनेवाले आवेदन कर्ता को दाखिल-खारिज का आवेदन देते, ताकि उसकी अंचल कार्यालय से रसीद दिया जाता. समीक्षा बैठक में भू-अभिलेख को लेकर मिल चुका निर्देश प्रधान सचिव स्तर पर भू-अभिलेख के कंप्यूटरीकरण को लेकर भी आवश्यक दिशा निर्देश दिया जा चुका है. इसमें भू-अभिलेख मामले में जल्द से जल्द अंचल स्तर पर डाटा को कंप्यूटर फीड करने व पूरी कार्रवाई की सीडी निदेशालय भेजने के लिए कहा गया है.

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