भागलपुर :काली की प्रतिमा विसर्जन में अब तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि चार नवंबर को पूजा समितियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच होनेवाली बैठक में आपसी सहमति से निर्णय ले लिया जायेगा कि प्रतिमा का विसर्जन कहां होगा. दरअसल, जिला प्रशासन का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश के मुताबिक प्लास्टर ऑफ पेरिस व केमिकल युक्त रंगों से निर्मित प्रतिमा का गंगा में विसर्जन नहीं किया जा सकता.
दूसरी ओर कालीपूजा केंद्रीय महासमिति का कहना है कि प्रतिमाएं मिट्टी और पुआल से बनी होती हैं. इससे गंगा में प्रदूषण का खतरा नहीं हो सकता. काली पूजा केंद्रीय महासमिति के महामंत्री धूरी यादव ने सोमवार को कहा कि मां काली की प्रतिमा का विसर्जन गंगा घाट में ही की जायेगी. आस्था के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा. उन्होंने बताया कि मां काली की प्रतिमा मिट्टी और पुआल की बनी होती है, इससे प्रदूषण का कोई खतरा ही नहीं है.
महामंत्री श्री यादव ने कहा कि 100 साल से अधिक समय से मां काली की प्रतिमा का विसर्जन हो रहा है. चार नवंबर को होनीवाली बैठक में महासमिति इस बात को पुरजोर तरीके से रखेगी. वहीं महासमिति के उपाध्यक्ष सोनू घोष ने कहा कि चार नवंबर को जिला प्रशासन द्वारा बैठक बुलायी गयी है. बैठक में ही महासमिति अपनी बात रखेगी.