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बनाते हैं युनूस, चढ़ाती हैं सावत्रिी

बनाते हैं युनूस, चढ़ाती हैं सावित्रीफोटो नंबर : मनोज जी -गंगा-जमुनी संस्कृति के उदाहरण हैं मो युनूस व मो जफर अंसारी -माता को चढ़ायी जानेवाली चुनरी बनाते हैं दीपक राव, भागलपुर महाष्टमी पर मां दुर्गा को चढ़ायी जानेवाली रंग-बिरंगी चुनरी से दुकानें सज गयी हैं. चुनरी के निर्माण कार्य में भागलपुर आपसी सद् भाव व […]

बनाते हैं युनूस, चढ़ाती हैं सावित्रीफोटो नंबर : मनोज जी -गंगा-जमुनी संस्कृति के उदाहरण हैं मो युनूस व मो जफर अंसारी -माता को चढ़ायी जानेवाली चुनरी बनाते हैं दीपक राव, भागलपुर महाष्टमी पर मां दुर्गा को चढ़ायी जानेवाली रंग-बिरंगी चुनरी से दुकानें सज गयी हैं. चुनरी के निर्माण कार्य में भागलपुर आपसी सद् भाव व भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है. इसे गंगा-जमुनी तहजीब का बेमिसाल उदाहरण क्यों न कहें, जब इसके निर्माण में काफी श्रद्धा भाव के साथ मो युनूस व मो जफर अंसारी भी लगे हों. बाजार में उनकी बनायी चुनरी की अच्छी मांग है. दूसरी ओर सावित्री, गंगा, लक्ष्मी जैसी कई युवतियां व महिलाएं चुनरी खरीद चुकी हैं और चुनरी चढ़ाने के मुहूर्त का इंतजार कर रही हैं. बाल्टी कारखाना निवासी मो युनूस बताते हैं कि 30 वर्षों से हरेक वर्ष रामनवमी के दौरान बजरंगी ध्वजा और दुर्गा पूजा के दौरान चुनरी तैयार करते हैं. इसमें जितनी श्रद्धा हिंदू भाइयों को होती है, उतनी ही श्रद्धा वह खुद भी रखते हैं. भीखनपुर के मो जफर अंसारी पिछले पांच वर्षों से हरेक वर्ष मारवाड़ी पाठशाला परिसर में मां को स्थापित करने के लिए वेदी का निर्माण करते हैं. जुबक संघ के विभू राय ने बताया कि जफर वेदी निर्माण के सभी नियम-निष्ठा का पालन करते हैं. ………………………………..भा रही है गोटेदार चुनरीबाजार में गोटेदार चुनरी व नेट की चुनरी महिलाओं को अधिक भा रही हैं. मां दुर्गा के श्रृंगार में चुनरी जरूर चढ़ायी जाती है. कन्या पूजन के बाद उन्हें दक्षिणा में चुनरी भी दी जाती है. महिला श्रद्धालु मां को खोइचा चुनरी में ही चढ़ाती हैं. बाजार में चुनरी की तीन-चार स्थायी दुकानें हैं. घर पर पूजा करने के लिये छोटे आकार के चुनरी की बिक्री होती है. कन्याओं को देने के लिये एक बार में नौ चुनरी खरीदे जा रहे हैं. नेट की वर्क चुनरी की कीमत 80- 150 रुपये हैं. गोटेदार चुन्नी की कीमत 80- 100 रुपये है. बड़े साइज की दुल्हन चुनरी 125- 600 रुपये में बिक रहे हैं. बाजार में 100 रु से 1000 रु तक की चुनरी की बिक्री हो रही है. यहां से आती हैं चुनरी माता को चढ़ाने के लिए चुनरी बनारस, कोलकाता व सूरत से मंगायी जाती है. चुनरी विक्रेता मो रईस बताते हैं हर रोज 50- 150 तक छोटी बड़ी चुनरी की बिक्री हो जाती है. एक दिन पहले से दोगुनी बिक्री बढ़ी है. पूजा शुरू होते ही बिक्री और बढ़ जायेगी. इस तरह एक दुकान से 10- 12 हजार की चुनरी रोजाना बिक जाती है.

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