भागलपुर: गांधी विचार विभाग के छात्रओं से उत्पीड़न मामले में निलंबित शिक्षक डॉ गिरीश चंद्र पांडे ने राज भवन से प्राप्त पत्र के आधार पर एचएस कॉलेज हवेली खड़गपुर में योगदान देने के बाद विवि प्रशासन से लेकर गांधी विचार विभाग के छात्रों में हलचल है.
सोमवार को गांधी विचार विभाग के छात्र मामले की छानबीन करने के लिए डीएसडब्ल्यू के कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन डीएसडब्ल्यू ने इस प्रकार की कोई जानकारी विवि प्रशासन को नहीं होने की बात कही. इस मामले में जांच कमेटी की बैठक स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग में चल रही है. छात्र वहां से मनोविज्ञान विभाग पहुंचे और जांच कमेटी की अध्यक्ष रूकसाना नसर से जांच मामले में पूछताछ की. छात्रों ने निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.
इधर, गांधी विचार विभाग के छात्र मनोज यादव ने बताया कि यौन उत्पीड़न मामले में जांच कमेटी ने पहले ही डॉ गिरीश चंद पांडे को दोषी मान चुकी है. दोबारा नयी कमेटी बना कर इस मामले में जांच शुरू की गयी है. छात्रों का आरोप है कि कहीं न कहीं नयी कमेटी डॉ गिरीश चंद्र पांडे को बचाने का प्रयास कर रही है. इसके अलावा डॉ गिरीश पांडे राज भवन से कैसे पत्र लाकर एचएस कॉलेज हवेली खड़गपुर में योगदान दिया है. विवि यह बताये की कब डॉ गिरीश पांडे का निलंबन की तिथि खत्म हुई है. इस मामले में विवि प्रशासन जल्द कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो गांधी विचार विभाग के छात्र व छात्र संगठन आइसा के कार्यकर्ता विवि परिसर में उग्र आंदोलन करेंगे. छात्रों ने कहा कि कुलपति की ओर से कोई जानकारी नहीं देते हुए नयी कमेटी कैसे बन गयी.
इधर, डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार ने बताया राज भवन से अबतक कोई अधिसूचना विवि को प्राप्त नहीं हुआ है. जबकि उत्पीड़न मामले में कुलपति ने अविलंब कार्रवाई करते हुए डॉ गिरीश को निलंबित कर दिया गया था.